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    जिले में सूर्यास्त बाद हुआ पहला पोस्टमार्टम

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 18 Nov 2021 12:48 PM (IST)

    -नई व्यवस्था -खेत में मिले श्रमिक के शव का पोस्टमार्टम करा रहे स्वजन ने सरकार के फैसले

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    जिले में सूर्यास्त बाद हुआ पहला पोस्टमार्टम

    -नई व्यवस्था :::

    -खेत में मिले श्रमिक के शव का पोस्टमार्टम करा रहे स्वजन ने सरकार के फैसले का सराहा

    -कहा, प्रधानमंत्री के सुशासन के विचार को आगे बढ़ाने की जरूरत

    - स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्णय से पीड़ित स्वजन को मिलेगी राहत जागरण संवाददाता, बलरामपुर (आजमगढ़): स्थान : मंडलीय जिला चिकित्सालय स्थित आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस। समय: सूर्यास्त के बाद साढ़े छह बजे रहे थे। पोस्टमार्टम हाउस के बाहर भीड़ थी। जबकि आकस्मिक स्थिति को छोड़ दिया जाए तो अमूमन अपराह्न दो बजे से पांच बजे तक ही शवों का पोस्टमार्टम होता है। लेकिन पता चला कि खेत में मिले एक श्रमिक के शव का पोस्टमार्टम हो रहा है। पोस्टमार्टम कर्मियों के अलावा मृतक के स्वजन ने बताया कि अंग्रेजों के समय की व्यवस्था खत्म! केंद्र सरकार ने अब 24 घंटे पोस्टमार्टम का आदेश जारी कर दिया है। शोकाकुल होने के बाद भी पोस्टमार्टम हाउस पर जुटे मृतक स्वजन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सुशासन के विचार को आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय का यह निर्णय सराहनीय है।

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    दो से पांच बजे तक छह शवों का हो चुका था पोस्टमार्टम:::

    बुधवार को पोस्टमार्टम हाउस पर कुल सात शव का पोस्टमार्टम होना था। छह शवों का पोस्टमार्टम करते-करते देर शाम हो गई। सूर्यास्त बाद पोस्टमार्टम के लिए डाक्टर तैयार बैठे थे लेकिन आखिरी शव तरवां थाना क्षेत्र के भीटी गांव का था, जो पोस्टमार्टम के लिए कागजी कारवाई की वजह से रुका था। लेकिन सूर्यास्त के बाद कागजी कारवाई पूरी हुई तो डाक्टर ने शव का पोस्टमार्टम किया। पिछली रात पोस्टमार्टम के लिए कोई शव नहीं लाया गया था। डाक्टर नितीन कुमार, तरवां कहते हैं कि 24 घण्टे की पोस्टमार्टम वाली व्यवस्था पहले से लागू है लेकिन सूर्यास्त बाद पोस्टमार्टम के लिए जिलाधिकारी के आदेश की जरूरत पड़ती थी। केंद्र सरकार का ताजा आदेश 24 घंटे पोस्टमार्टम करने के लिए है। नई व्यवस्था में पोस्टमार्टम के लिए जिलाधिकारी के निर्देश की जरूरत नहीं रहेगी।

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    पोस्टमार्टम हाउस पर मृतक के स्वजन की जुबानी:::

    तरवां थाना क्षेत्र के भीटी गांव निवासी सुरेंद्र ने बताया कि पहले सूर्यास्त के बाद पोस्टमार्टम नहीं होता था। जिसके लिए स्वजन को रात भर मंडलीय जिला चिकित्सालय स्थित पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रुककर शव के पोस्टमार्टम के लिए सुबह तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन सरकार के नए आदेश से लोगों के लिए राहत भरी बात है। अब रात को पोस्टमार्टम के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि बुधवार को लगभग सात बजे उनके भाई के शव का पोस्टमार्टम हुआ है।

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    ''हालांकि शासन का अभी कोई आदेश नहीं आया है। विषम परिस्थितयो में रात को भी डाक्टर पोस्टमार्टम करते रहते हैं। यदि सरकार की नई व्यवस्था में सूर्यास्त के बाद यानि 24 घंटे पोस्टमार्टम करना है तो उसका कडाई से अनुपालन कराया जाएगा। जिससे मृतक के स्वजन को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो सके।

    -डा.इंद्र नारायन तिवारी, मुख्य चिकित्साधिकारी।