शुक्रिया प्रधानमंत्री जी... ईरान से सकुशल घर पहुंची बेटी, पिता ने नम आंखों से की ऑपरेशन सिंधु की सराहना
ईरान-इजरायल युद्ध के बीच, भारत सरकार के 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत कई भारतीय नागरिक, जिनमें अलीशा और शमां अफरोज शामिल हैं, ईरान से सकुशल घर लौट ...और पढ़ें

ईरान से बेटी अलीशा के सकुशल वापस आने की जानकारी देते उनके स्वजन। जागरण
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ । 'शुक्रिया प्रधानमंत्री मोदी जी... बेटी अलीशा ईरान से सकुशल घर पहुंच गई है। इस खुशी को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।' यह बात नसीम हैदर रिजवी ने बेटी की रविवार को सुरक्षित घर वापसी पर कही। अलीशा दिल्ली से वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचीं, जहां से नसीम उन्हें घर लेकर आए। नम आंखों से नसीम ने ईरान से भारतीयों की वतन वापसी के लिए केंद्र सरकार की ओर से शुरू आपरेशन सिंधु की सराहना की।
अलीशा दो साल पहले मेडिकल (एमबीबीएस) की पढ़ाई करने के लिए ईरान गई थीं। इसी बीच 11 जून को इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया। परिवार वाले बेटी की सुरक्षित घर वापसी की राह देख रहे थे। युद्ध के मद्देनजर केंद्र सरकार ने आपरेशन सिंधु के तहत भारतीय नागरिकों को ईरान से बाहर निकालने का प्रयास शुरू किया। ईरान की राजधानी तेहरान में हालात बेहद खराब होने के कारण भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाल कर आर्मेनिया लाया गया और होटल में रखा गया। वहां से कतर के रास्ते दिल्ली लाया गया।
तीर्थयात्रियों के समूह के साथ ईरान गईं शमां अफरोज सकुशल लौटीं
युद्ध के बीच ईरान में फंसी शमां अफरोज भारत लौट आईं। भाई असलम मेहंदी ने इसे दुआ कबूल होना बताया है। उनके अनुसार बहन देर रात दिल्ली पहुंची और वहां से सुल्तानपुर स्थित अपनी ससुराल चली गईं। असलम ने बताया कि बहन का ससुराल सुल्तानपुर में है। 30 मई को वे प्रयागराज से कारवां-ए-हैदरी नाम के तीर्थयात्रियों के समूह के साथ ईरान की धार्मिक यात्रा पर गईं थीं। उस समय सब कुछ ठीक था।
ईरान और इजरायल युद्ध के दौरान रविवार को अमेरिका के युद्ध में कूदने से चिंता और अधिक बढ़ गई। स्थानीय प्रशासन के अलावा उन्होंने विदेश मंत्रालय से भी मदद की गुहार की थी। इस बीच ईरान में इंटरनेट सेवाएं बंद होने से कोई संपर्क नहीं हो रहा था। भारतीय छात्रों के सुरक्षित लौटने से अपनी बहन शमां अफरोज की सकुशल वापसी के प्रति आशान्वित थे। बीती रात को जैसे ही शमां अफरोज के दिल्ली के हवाई अड्डे पर उतरने की सूचना मिली तो परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

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