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    पुराने बस्तों से निकल कंप्यूटर में सुरक्षित होंगे रिकार्ड रूम के अभिलेख

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 03 Apr 2022 06:29 PM (IST)

    जागरण संवाददाता आजमगढ़ कलेक्ट्रेट भवन स्थित राजस्व अभिलेखगार के बस्तों में रखे राजस्व व चकब ...और पढ़ें

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    पुराने बस्तों से निकल कंप्यूटर में सुरक्षित होंगे रिकार्ड रूम के अभिलेख

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़: कलेक्ट्रेट भवन स्थित राजस्व अभिलेखगार के बस्तों में रखे राजस्व व चकबंदी विभाग के अभिलेखों के जर्जर होने और कतिपय अभिलेखों के पन्नों के गायब होने के बाद नकल मिलने या सूचना के अधिकार के तहत सूचना देने में हो रहीं परेशानियों का समाधान जल्द हो जाएगा। वार्षिक सत्यापन के बाद जिले के 4410 गावों के बस्तों में रखे अभिलेखों का सत्यापन तेजी से हो रहा है। यह कार्य पूरा होने के बाद संबंधित तहसील के ग्रामवार अभिलेख आनलाइन कर दिए जाएंगे। निर्धारित प्रक्रिया के बाद अधिकतम एक सप्ताह में संबंधित अभिलेख की नकल मिल जाएगी।

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    रिकार्ड रूम में कतिपय गांवों के बस्तों में महत्वपूर्ण अभिलेख नहीं मिलने से संबंधित सूचना सूचना के अधिकार के तहत देने में काफी दिक्कत होती है। नकल के लिए आमजन को भी परेशानी होती है। डीएम ने इसे गंभीरता लिया और जांच के लिए समिति का गठन किया है, जो प्रत्येक गांवों के बस्तों की जांच करके एक सप्ताह में रिपोर्ट देगी।

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    आनलाइन नकल को यह होगी प्रक्रिया:::

    - प्रधान प्रतिलिपि लिपिक के पास आवेदन जमा होगा। राजस्व व चकबंदी विभाग से संबंधित आवेदन पत्रों के आधार पर खतौनी की नकल आकार पत्र के अनुसार तैयार करेंगे। उसके बाद वह नायब जमाबंदी के पास जाएगा। संबंधित दोनों के हस्ताक्षर के बाद आरआरके (राजस्व अभिलेखापाल) का हस्ताक्षर होगा। फिर संबंधित तहसील के संबंधित गांवों की कंप्यूटर में फीड अभिलेख एक क्लिक में जेनरेट की गई लागिग के बाद खुल जाएगा। जिसके आधार पर नकल बन जाएगी।

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    इन गांवों के अभिलेखों की हो रही जांच:::

    -बूढ़नपुर-498, फूलपुर-685, सगड़ी-973,सदर-685,मेंहनगर-327,लालगंज-490,निजामाबाद-552 व मार्टीनगंज तहसील के 209 गांव शामिल हैं।

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    ''रिकार्ड रूम के बस्तों में रखे अभिलेखों की जांच के लिए समिति गठित की गई है। एक समाप्त में रिपोर्ट मांगी गई है। उसके बाद सभी संबंधित अभिलेखों को आनलाइन कर दिया जाएगा। निर्धारित प्रक्रिया पूरी होने के बाद एक सप्ताह के अंदर नकल मिल जाएगी।

    -अमृत त्रिपाठी, जिलाधिकारी।