Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विश्वामित्र की आज्ञा से श्रीराम ने किया ताड़का का वध

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 08 Oct 2021 07:38 PM (IST)

    = मंचन - रामलीला के चौथे दिन मिथिला के कलाकारों की प्रस्तुति - अहिल्या उद्धार का मंचन देख ल

    Hero Image
    विश्वामित्र की आज्ञा से श्रीराम ने किया ताड़का का वध

    = मंचन

    - रामलीला के चौथे दिन मिथिला के कलाकारों की प्रस्तुति

    - अहिल्या उद्धार का मंचन देख लगने लगे भगवान राम के जयकारे जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : शहर के पुरानी कोतवाली में श्रीरामलीला समिति की ओर से आयोजित श्री रामलीला मंचन के चौथे दिन गुरुवार की रात कलाकारों ने ताड़का वध, सुबाहु और मारीच से युद्ध व अहिल्या उद्धार प्रसंग का मंचन किया गया। रामलीला देखने आए दर्शकों ने देर रात तक रामलीला का लुफ्त उठाया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब वापस अयोध्या आते हैं, तो वहां विश्वामित्र का आगमन होता है। वह राम और लक्ष्मण को यज्ञ की रक्षा के लिए अपने साथ ले जाते हैं। विश्वामित्र के साथ श्रीराम व लक्ष्मण उनके आश्रम की तरफ चल देते हैं। तो रास्ते ताड़का सोई दिखती है, तो श्रीराम विश्वामित्र से पूछते हैं कि ये भयानक शरीर वाली कौन हैं तो विश्वामित्र बताते हैं कि यह ताड़का राक्षसी है जो साधु-संत को पकड़कर खा जाती है। इसलिए इसका वध करो, तो श्रीराम ताड़का का वध करते हैं। फिर आश्रम पर पहुंचकर विश्वामित्र के यज्ञ को प्रारंभ कराते हैं। उसी समय मारीच, सुबाहु आकर यज्ञ भंग करने की कोशिश करते हैं। तभी श्रीराम एक छींक बाण मारकर मारीच को सौ समुद्र पार भेज देते हैं। सुबाहु का वध करते हैं, फिर जब विश्वामित्र का यज्ञ संपन्न होता है तो श्रीराम लक्ष्मण से कहते हैं कि आप दोनों भाई की सहायता से मेरा यज्ञ पूरा हो गया। अब कहो तो तुम्हें अयोध्या वापस छोड़ दूं या फिर जनकपुर से निमंत्रण पत्र आया है वहां ले चलूं। फिर श्रीराम व लक्ष्मण उनके साथ चल देते हैं। रास्ते में शिला बनीं गौतम की पत्नी अहिल्या का श्रीराम अपने चरण रज से उद्धार करते हैं। इस दौरान लगे श्रीराम के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।