पौधों का न करें हरण, आओ बचाएं पर्यावरण
पर्यावरण संरक्षण का अर्थ है हमारे चारों तरफ घिरे आवरण को सुरक्षित, साफ और सुथरा र
पर्यावरण संरक्षण का अर्थ है हमारे चारों तरफ घिरे आवरण को सुरक्षित, साफ और सुथरा रखना। इसके द्वारा हम खुले स्वच्छ वातावरण में शुद्ध आक्सीजन ग्रहण कर सकें। पर्यावरण को बचाने के लिए सबसे पहले हमें पौधों की कटाई पर रोक लगानी चाहिए। पालीथिन के अंधाधुंध दुरुपयोग पर भी रोक लगानी चाहिए। इसके कारण पर्यावरण असुरक्षित होता जा रहा है। देश, समाज व गांव में अधिक से अधिक पौधे लगाएं जिससे पर्यावरण सुरक्षित हो। हर वर्ष पांच जून को हम विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं। हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि पालीथिन का प्रयोग न करें, पौधों को कटने से बचाएं तथा पर्यावरण को सुरक्षित रखें। सांसें हो रहीं कम, आओ पेड़ लगाएं हम। वर्तमान समय में देश के लोगों को विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से मुक्त कराने के लिए स्वच्छता कार्यक्रम चलाया गया है। नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घर-घर में शौचालय व्यवस्था करने, स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक होने, शौचालय बनवाने के लिए धनराशि उपलब्ध करा रहे हैं। ताकि समस्त देशवासी शौचालय का उपयोग कर सकेंगे।
वर्तमान समय में पालीथिन पर्यावरण प्रदूषण को बढ़ावा दे रही है। पालीथीन का प्रयोग दूध की थैली से लेकर सब्जी तक के लिए पालीथिन का प्रयोग हो रहा है। बाजार से खरीदे गए किसी भी छोटे बड़े सामान को खरीदने पर पालीथिन के थैलों में मिलता है लेकिन पालीथिन धीरे-धीरे धरती पर बोझ बनती जा रही है। हर जगह हर कोने में कचरे के हर ढेर में पालीथिन ही नजर आने लगे हैं। भूमि पर दिनोंदिन पालीथिन के बढ़ते ढेर से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित हो रही है जो कार्बन डाई आक्साइड की मात्रा को बढ़ाकर पेड़ -पौधों की वृद्धि को अवरुद्ध कर रही है। जैविक रूप से नष्ट न होने वाले पालीथिन के समान पर्यावरण के लिए सबसे घातक सिद्ध हुए हैं। अत: हमें चाहिए कि किसी भी समान को खरीदने के लिए कपड़े के थैले तथा कागज के थैलों का ही उपयोग करना चाहिए। जिससे हम अपने तथा अपनों का जीवन संरक्षित कर सकते हैं। पर्यावरण को स्वच्छ रखना मनुष्य की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। जब हम अपने आस-पास को सुरक्षित नहीं रखेंगे तो कैसे खुद को स्वस्थ रखेंगे। कहा गया है कि स्वास्थ्य ही मानव की सबसे बड़ी संपत्ति है। नहीं मिलेगा जीवन दोबारा, प्रदूषण मुक्त होगा पर्यावरण हमारा। हमें अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखना चाहिए जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी स्वस्थ रह सके। पर्यावरण स्वच्छ रहेगा तो वायु, पानी आदि सभी साफ रहेंगें जो विभिन्न बीमारियों संग कष्टों से हमें बचाएंगे। धरती पानी हवा रखें साफ, वरना आने वाली पीढ़ी नहीं करेगी माफ।
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