जिले में हजारों आयुष्मान कार्ड धारकों को नहीं मिल पा रहा इलाज, दर-दर भटकने को मजबूर मरीज
आजमगढ़ में आयुष्मान योजना के तहत 2500 से अधिक मरीज इलाज के अभाव में परेशान हैं। आधार कार्ड में नाम की गलतियों के कारण उनके आयुष्मान कार्ड लंबित हैं जिससे उन्हें मुफ्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीज सीएमओ कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। विभाग शासन स्तर का हवाला दे रहा है जिससे गरीब मरीजों पर संकट गहरा रहा है।

जागरण संवाददाता, बलरामपुर (आजमगढ़)। प्रदेश की रैंकिंग में चौथे स्थान पाने वाले जिले की आयुष्मान योजना के तहत ढाई हजार से ज्यादा मरीज इलाज के अभाव में हैरान हैं। पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का सपना संजाेए मरीजों का हाल-बेहाल है। बार-बार चक्कर काटने के बावजूद विभाग उनका हल नहीं निकाल पा रहा है। विभाग हर बार शासन स्तर का हवाला दे रहा है।
वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना का जिले में शुरुआत हुई तो रुपये के अभाव में इलाज न करा पा रहे मरीजों को मानो संजीवनी मिल गई हो। व्यवस्था पटरी पर आई और लोगों को इलाज भी प्रदेश के अन्य हिस्सों में मिलने लगा।
जिले में ढाई हजार से ज्यादा ऐसे आयुष्मान कार्ड धारक हैं, जो कि इलाज पाने से वंचित रह गए हैं। कार्ड धारकों का कहना है कि सीएमओ कार्यालय में कई बार आयुष्मान कार्ड संशोधन के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया लेकिन आज तक विभाग ने उसका हल नहीं निकाला।
ऐसे में गरीब तबके मरीजों पर अब सरकार की योजना का संकट के बादल छाने शुरू हो गए हैं। कई सालों से विभाग का चक्कर काटते-काटते बीत गए लेकिन अभी तक कोई संशोधन नहीं हुआ।
विभाग का कहना है कि पहले संशोधन सीएमओ कार्यालय से हो जाता था, लेकिन बीते तीन सालों से अब आयुष्मान कार्ड धारकों का संशोधन नहीं हो रहा है। इसके कारण आए दिन पेंडिंग कार्ड का बोझ बढ़ता जा रहा है।
क्या है पेंडिंग में फंसे आयुष्मान कार्डधारक का मामला
विभाग की मानें तो यह उन लोगों के कार्ड पेडिंग हैं जिसका आधार कार्ड में हिंदी में नाम कुछ और अंग्रेजी में कुछ और है। इतना ही नहीं, वेरीफिकेशन के दौरान कुछ लोगों के मार्कसीट पर कुछ और नाम तो आधार कार्ड पर कुछ और नाम है। ऐसे में उस दौरान जिनके आयुष्मान कार्ड बने अब वह केवाईसी न होने के कारण इलाज पाने में असमर्थ हैं।
डीएम को पत्रों के माध्यम से पेंडिंग आयुष्मान कार्ड के बारे मेंं अवगत कराया गया है। अगर पेंडिंग आयुष्मान कार्ड का जिले से सुधार करने की अनुमति मिले तो मरीजों को उपचार मिल सकता है। -डॉ. आलेंद्र कुमार, नोडल अधिकारी।
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