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    युवा रंगककर्मी अभिषेक पंडित के नाम एक और पुरस्कार

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 14 Feb 2020 07:21 PM (IST)

    जमगढ़ लगभग 17 साल की उम्र में रंगमंच से अपनी कला का सफर शुरू करने वाले शहर से सटे पठकौली गांव निवासी प्रसिद्ध रंगकर्मी अभिषेक पंडित की उपलब्धियों में एक और इजाफा हुआ है। नाट्य निर्देशन के क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले युवा रंगकर्मी को गुरुवार की शाम लखनऊ में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 2017 के उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार के रूप में राज्यपाल ने एक ताम्र पत्र प्रमाण पत्र शाल व 10 हजार रुपये प्रदान किया। उनके इस सम्मान से जिले के रंगकर्मियों व बुद्धिजीवियों ने बधाई दी है।

    युवा रंगककर्मी अभिषेक पंडित के नाम एक और पुरस्कार

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : लगभग 17 साल की उम्र में रंगमंच से कला का सफर शुरू करने वाले शहर से सटे पठकौली गांव निवासी प्रसिद्ध रंगकर्मी अभिषेक पंडित की उपलब्धियों में एक और इजाफा हुआ है। नाट्य निर्देशन के क्षेत्र में महारत हासिल करने वाले युवा रंगकर्मी को गुरुवार की शाम लखनऊ में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने 2017 के उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया। पुरस्कार के रूप में राज्यपाल ने ताम्रपत्र, प्रमाण पत्र, शाल व 10 हजार रुपये प्रदान किया। उनके इस सम्मान पर जिले के रंगकर्मियों व बुद्धिजीवियों ने बधाई दी है।

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    रंगमंच के सफर में अभिषेक पंडित की सफलता को उस समय तरजीह दी गई, जब उन्हें 2015 में केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली में उत्साद बिस्मिल्लाह खां अवार्ड से सम्मानित किया गया। रंगमंच के उद्देश्य को जिले में सार्थक करने के लिए उन्होंने 2003 में डा. सीके त्यागी सहित अन्य शुभचितकों के सहयोग से सूत्रधार संस्था की स्थापना की। युवा रंगकर्मियों की प्रतिभा को तराशने के लिए 600 प्रशिक्षण दिया। देश के जाने-माने रंगकर्मियों को बुलाकर जिले में 14 बार आरंगम महोत्सव का आयोजन करा चुके हैं, जिसमें नेशनल स्कूल आफ ड्रामा नई दिल्ली, भारतेंदु नाटक अकादमी लखनऊ, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज का काफी सहयोग रहा। पूरे देश में अब तक उनके निर्देशन में 30 पूर्णकालिक नाटकों की 400 प्रस्तुतियां हो चुकी हैं। ''पेशेवर रंगमंच के लिए नाट्य क्षेत्र में बहुत स्कोप है। भोजपुरी एलबल के माध्यम से अपना करियर खराब कर रहे युवाओं को सही मंच, सही प्रशिक्षण और समर्पण के साथ रंगमंच से जुड़ना चाहिए, जिससे उनकी विधा को सही मुकाम मिल सके। जिले में रंगमंच को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को भी सार्थक पहल करनी होगी।

    --अभिषेक पंडित, रंगकर्मी।

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