नाग पंचमी पर पूजे गए नाग देवता, दूध-लावा चढ़ाया
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नागपंचमी का पर्व परंपरागत ढंग से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने नाग देवता की पूजा कर उनको दूध-लावा चढ़ाया। कई स्थानों पर कबड्डी प्रतियोगिता हुई जिसमें खिलाड़ियों ने अपनी तेजी एवं फुर्ती का मुजाहिरा किया।
जासं, आजमगढ़ : शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नाग पंचमी का पर्व परंपरागत ढंग से मनाया गया। श्रद्धालुओं ने नाग देवता की पूजा कर उनको दूध-लावा चढ़ाया। कई स्थानों पर कबड्डी प्रतियोगिता हुई जिसमें खिलाड़ियों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। नागपंचमी के मौके पर सुबह से ही घरों में लोग पूजा की तैयारियों में लग गए। कई गांव में मेला का आयोजन किया गया। जगह-जगह लोग झूला झूलते देखे गए।
संजरपुर प्रतिनिधि के अनुसार-नाग देवता की पूजा ग्रामीण क्षेत्रों में विधि-विधान से किया गया। महिलाओं ने मिट्टी का नाग देवता बना कर उनको दूध व लावा चढ़ाया। माहुल प्रतिनिधि के अनुसार-परंपरागत तरीके से महिलाओं ने नाग देवता को दूध और लावा चढ़ाकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की गई। इस दौरान लोगों ने जम कर झूला भी झूला। सरायमीर प्रतिनिधि के अनुसार-नाग पंचमी त्योहार के मद्देनजर कस्बे के मुख्य मार्ग स्थित शिव मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर महाजनी टोला सहित अन्य मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर जलाभिषेक किया। बूढ़नपुर प्रतिनिधि के अनुसार-ग्रामसभा शेखपुरा में नागपंचमी के दिन गुड़ियों को पोखरे में डाल कर पीटने की प्रथा आज भी कायम है। घरों में नाग देवता को लावा और दूध चढ़ाया जाता है।
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