आजमगढ़ में फर्जी फर्म बना कर 23.81 करोड़ की जीएसटी चोरी, मामला दर्ज
आजमगढ़ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें फर्जी फर्में बनाकर 23.81 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इन फर्मों के माध्यम से गलत तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया गया था। जीएसटी विभाग और पुलिस मिलकर इस घोटाले में शामिल सभी आरोपियों को पकड़ने के लिए तत्पर हैं।

फर्जी फर्म बना कर 23.81 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के मामला प्रकाश में आया है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जनपद में फर्जी फर्म बना कर 23.81 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के मामला प्रकाश में आया है। राज्यकर अधिकारी के वरिष्ठ सहायक राजीव लाल अस्थाना ने फर्म के प्रोपराइटर के खिलाफ कोतवाली थाना में मुकदमा दर्ज कराया है।
उन्होंने पुलिस को बताया कि आदिल निवासी पगरा ने फर्जी बिजली बिल, रेंट एग्रीमेंट और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज अपलोड कर 30 दिसंबर 2024 को जीएसटी के पोर्टल पर मलिक इंटरप्राइजेज के नाम पर फर्म का पंजीकरण कराया था। फर्म के नाम पर वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में फर्जी इनवाइस जारी कर 66.13 करोड़ रुपये की आउटवर्ड सप्लाई दिखाई और 11.90 करोड़ रुपये की फर्जी आइटीसी पास किया।
इसी तरह 66.16 करोड़ की फर्जी खरीद दिखाकर 11.91 करोड़ की आइटीसी लिया। कुल 23.81 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति हुई। पंजीकरण के दौरान दर्ज पते पर जब जाकर जांच की गई तो मौके पर फर्म का अस्तित्व ही नहीं मिला।
बिजली बिल की जांच की गई तो वह भी फर्जी निकला, संबंधित अकाउंट नंबर बिजली विभाग की वेबसाइट पर अमान्य दिखा। आधार कार्ड में घोषित पता आजमगढ़ का था, लेकिन वास्तविक पता बिजनौर का निकला। शहर कोतवाली पुलिस मामले में आरोपी प्रोपराइटर आदिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
अन्य फर्मों की भी हो रही जांच : राज्यकर विभाग ने हाल फिल्हाल में पंजीकरण हुई अन्य फर्मों का फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू कर दिया है। ताकि इस तरह की फर्म के बार में जानकारी मिल सके और सरकार को होने वाली क्षति से बचा जा सके है।
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