मुफ्त में राशन खाने वालों की परखी जाएगी पात्रता फिर रिकवरी
जागरण संवाददाता अमिलो (आजमगढ़) मुफ्त में सरकारी राशन खाने वाले अपात्रों को उसकी कीमत भ

जागरण संवाददाता, अमिलो (आजमगढ़) : मुफ्त में सरकारी राशन खाने वाले अपात्रों को उसकी कीमत भी चुकानी पड़ सकती है। शासन के फरमान पर निश्शुल्क खाद्यान्न उठाने वाले पात्र गृहस्थी कार्डधारक और अपात्र के बीच अब छानबीन होने जा रही है। समय रहते अपात्र राशनकार्ड धारकों ने कार्ड को सरेंडर नहीं किया, तो उनसे राशन की रिकवरी भी हो सकती है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत अंत्योदय, पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों निश्शुल्क राशन का वितरण विगत कोरोना काल में किया गया। सरकार ने निश्शुल्क राशन बांटकर समाज में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों, अति कमजोर, असहाय लोगों को चिह्नित कर राशनकार्ड बनवा दिया, जिसके आधार पर कार्डधारक निश्शुल्क राशन उठा रहे हैं। अब पात्र और अपात्र को चिह्नित किया जाएगा और अपात्रों से रिकवरी की जाएगी।
जिले में सात लाख 51 हजार कार्डधारक हैं। अब 19200 ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया है, जो पिछले कई महीने से अंगूठा नहीं लगा रहे हैं। यानी राशन ही नहीं उठाया। ऐसे लोगों का राशन कार्ड निरस्त होना तय है, लेकिन बाकी लोगों के बारे में भी पता कराया जा रहा है। समय रहते अपात्रों ने अगर खुद कार्ड को सरेंडर नहीं किया, तो उनसे रिकवरी कराई जाएगी।
पूर्ति निरीक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सवाल यह नहीं कि कैसे राशन कार्ड बन गया, बल्कि सवाल यह है कि अपात्रों ने निश्शुल्क राशन का लाभ क्यों उठाया। पात्रता की छानबीन के लिए कोटेदारों के साथ ग्राम पंचायत अधिकारियों को भी लगाया जाएगा।
अपात्र लोगों को समय से राशनकार्ड सरेंडर करने का एक मौका दिया जाएगा। बताया कि जिनके पास चारपहिया वाहन, साल में दो लाभ रुपये से अधिक इनकम, लाइसेंसी बंदूक, दो एकड़ से अधिक भूमि, सरकारी नौकरी, आयकर जमा करने वाले लोग अपात्र माने जाएंगे। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि पात्रों को लाभ दिलाने के लिए यह कदम उठाया गया है, क्योंकि समाज में जो लोग हकदार हैं वह अपात्रों की वजह से पीछे रह जाते हैं।
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