By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh Updated: Tue, 15 Jul 2025 03:49 PM (IST)
साइबर पुलिस ने ग्राम प्रधानों से आईएएस बनकर 50 लाख की ठगी करने वाले पंकज यादव को गिरफ्तार किया। आरोपी एनआईसी वेबसाइट से नंबर निकालकर अधिकारियों के नाम पर धमकी देता था। उसने गोछा गांव के प्रधान से भी टैक्स के नाम पर 8 लाख से अधिक रुपये ठगे। पुलिस से बचने के लिए उसने अपनी मौत की झूठी अफवाह भी फैलाई थी।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। साइबर थाने की पुलिस ने सोमवार को ग्राम प्रधानों से आइएएस अधिकारी बनकर करीब 50 लाख रुपये की ठगी करने वाले बाराबंकी के सूरजपुर निवासी आरोपित पंकज यादव को रानी की सराय फ्लाईओवर के समीप अंडर पास से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपित के पास से दो स्मार्ट फोन और 35 सौ रुपये नकद बरामद किया है।
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अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि आरोपित एनआइसी वेबसाइट के माध्यम से ग्राम प्रधानों, पूर्व प्रधानों की सूची और नंबर निकालकर उनसे फोन पर आइएएस अधिकारी, जनसूचना अधिकारी, सचिवालय का सचिव और राजभवन का फर्जी सेक्रेटरी हर्षवर्धन सिंह राठौर बनकर भ्रष्टाचार के आरोप में फंसाने, झूठी फाइल खोलने की धमकी देकर बताए गए खातों में आनलाइन रुपये मंगाता था।
वर्ष 2024 जून में राजभवन का सेक्रेटरी हर्षवर्धन सिंह राठौर बनकर जनपद के मुबारकपुर के गोछा गांव के प्रधान आरिफ खान को फोन कर धमकाते हुए कहा कि प्रधान की निधि में धनराशि कम है। खाते में कुल 35 लाख, 82 लाख, 90 हजार व 15 हजार, भेजा जा रहा है। सरकारी टैक्स के नाम पर गुमराह कर फर्जी तरीके से आरिफ से अपने बैंक खाते में आठ लाख 26 हजार 995 रुपये मंगा लिए।
आरिफ की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पड़ताल शुरू की थी। बीएससी पास पंकज पुलिस से बचने के लिए शहर, जिला और राज्य बदल-बदल कर रहने लगा। पुलिस से छुटकारा पाने के लिए उसने अपने मौत की झूठी अफवाह भी फैलाई थी। मृत अवस्था में फोटो खिंचवाकर गांव और जानने वालों के पास भेजकर पुलिस को गुमराह करने का भी प्रयास किया।
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