Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आजमगढ़ में कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर तनाव, व‍िरोध पर दूसरी जगह दफनाया शव

    Updated: Thu, 31 Jul 2025 04:28 PM (IST)

    आजमगढ़ में फूलपुर के शेखवलिया गांव में कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर विवाद हो गया। ग्रामीणों ने विरोध किया क्योंकि उनका कहना था कि भूमि विवादित है। प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए शव को नेवादा में दफनाने की अनुमति दी। एसडीएम अशोक कुमार ने बताया कि दोनों पक्षों को समझाकर स्थिति को सामान्य कर दिया गया है।

    Hero Image
    कब्रिस्तान में शव दफनाने को लेकर दो पक्ष आमने-सामने, प्रशासन की सक्रियता से विवाद टला।

    जागरण संवाददाता, फूलपुर (आजमगढ़)। स्थानीय तहसील क्षेत्र के शेखवलिया गांव में गुरुवार को उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई, जब एक शव को कब्रिस्तान में दफनाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद खड़ा हो गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल मौके पर पहुंचकर हस्तक्षेप किया और समझा-बुझाने के बाद नेवादा में शव दफनाने का निर्णय लेकर मामला शांत कराया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेवादा गांव निवासी अरशद की माता का बुधवार की रात निधन हो गया था। गुरुवार सुबह परिजन शव को पड़ोसी गांव शेखवलिया के कब्रिस्तान में दफनाने की तैयारी में जुटे थे। दूसरे पक्ष के लोगों को इसकी जानकारी मिली तो वह बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए। उनका कहना था कि जहां शव दफनाया जा रहा है वह भूमि विवादित है और राजस्व अभिलेखों में ‘झाड़ी’ के रूप में दर्ज है, इसलिए वहां दफन की अनुमति नहीं दी जा सकती।

    दूसरी ओर ग्राम प्रधान ओबैदुल्लाह और नसीम अहमद का कहना था कि उक्त भूमि पर 1940 और 1967 में मुंसिफ हवेली न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि वहां शव दफनाने से रोका नहीं जा सकता। इसी आधार पर वे पूर्व से कब्रिस्तान के रूप में उपयोग करते रहे हैं। सूचना मिलते ही उपजिलाधिकारी अशोक कुमार, क्षेत्राधिकारी अनिल वर्मा, कोतवाल सच्चिदानंद सिंह तथा लेखपाल संतोष कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने दोनों पक्षों से बातचीत की और राजस्व अभिलेखों की जांच कराई। जांच में सामने आया कि जिस भूमि पर विवाद है, वह ग्राम शेखवलिया की भूमि है।

    पूर्व में एडीएम के यहां से कब्रिस्तान के रूप में दर्ज थी, लेकिन वर्तमान में राजस्व परिषद के आदेशानुसार अब जंगल-झाड़ी के रूप में चिह्नित की गई है। लिहाजा एसडीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया कि विवादित भूमि पर शव को दफनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। प्रशासन के निर्देश पर मौके की नजाकत को भांपते हुए शव को ग्राम नेवादा के सरकारी कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान एहतियातन बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रही।

    बोले अध‍िकारी

    दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर स्थिति को सामान्य कर दिया गया है। ग्राम नेवादा में शव को दफनाने की अनुमति दी गई है और विवादित भूमि पर कोई गतिविधि नहीं करने का निर्देश है। फिलहाल स्थिति पूरी तरह शांत है और एहतियातन पुलिस बल मौके पर तैनात है। - अशोक कुमार, एसडीएम।