भूमि की अब उर्वरता बढ़ाएगी जैविक खाद
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जैव उर्वरक जीवाणु खाद है जिसमें मौजूद लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु वायु
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जैव उर्वरक जीवाणु खाद है जिसमें मौजूद लाभकारी सूक्ष्म जीवाणु वायुमंडल में पहले से विद्यमान नाइट्रोजन फसल को उपलब्ध करवाते हैं। मिट्टी में मौजूद अघुलनशील फास्फोरस को पानी में घुलनशील बनाकर पौधों को देते हैं। रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने के बदले यदि जैविक खाद का उपयोग किया जाता है तो उत्पादकता में वृद्धि होती है और भूमि की उर्वरता को भी बढ़ाती हैं।
उप निदेशक कृषि डा. आरके मौर्य ने बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान से यह सिद्ध हुआ है कि जैविक खाद के उपयोग से 30 से 40 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर भूमि को मिलती है और उपज 10 से 20 फीसद तक बढ़ जाती है। इसी तरह फास्फो वैक्टीरिया और माइकोराईजा उर्वरक के उपयोग से खेत में फास्फोरस की उपलब्धता में 20 से 30 फीसद की बढ़ोत्तरी होती है। भूमि की उर्वरता को टिकाऊ बनाए रखते हुए सतत फसल उत्पादन के लिए कृषि वैज्ञानिकों ने प्रकृति प्रदत्त जीवाणुओं को पहचानकर उनसे विभिन्न प्रकार के पर्यावरण हितैषी उर्वरक तैयार किए हैं जिन्हें जैव उर्वरक (बायोफर्टिलाइजर) या 'जीवाणु खाद' कहते हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते है की जैव उर्वरक जीवित उर्वरक है जिनमें सूक्ष्मजीव विद्यमान होते हैं।
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:::उपयोग का भूमि नहीं पड़ता दुष्प्रभाव
:::जैव उर्वरक विशेष सूक्ष्मजीवों एवं किसी नमी धारक पदार्थ के मिश्रण हैं। विशेष सूक्ष्म जीवों की निर्धारित मात्रा को किसी नमी धारक धूलीय पदार्थ (चारकोल, लिग्नाइट आदि) में मिलाकर जैव उर्वरक तैयार किए जाते हैं। यह प्राय:'कल्चर'के नाम से बाजार में उपलब्ध है। जैव उर्वरक एक प्राकृतिक उत्पाद है जिसका उपयोग विभिन्न फसलों में नत्रजन एवं स्फूर की आंशिक पूर्ति के लिया किया जा सकता है। इनके उपयोग का भूमि पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि ये भूमि के भौतिक व जैविक गुणों में सुधार कर उसकी उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
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जैव उर्वरक इन फसलों के लिए उपयोगी
::जैव उर्वरक राइजोबियम सभी दलहनी फसलों के लिए उपयोगी है। एजोटोबेक्टर दलहनी फसल को छोड़ अन्य सभी फसलों के लिए उपयोगी है। एजोस्पिरिलम उर्वरक दलहनी फसलों को छोड़कर अन्य सभी फसलों के साथ ही गन्ने के लिए विशेष उपयोगी है। फोफोबेक्टीरिया उर्वरक सभी फसलों के लिए उपयोगी है।
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जैव उर्वरक के उपयोग से लाभ
:::जैव उर्वरक रासायनिक उर्वरक से सस्ते होते हैं जिससे फसल उत्पादन की लागत घटती है। नाईट्रोजन और घुलनशील फास्फोरस फसल की उत्पादकता बढ़ाती है। इससे रासायनिक खाद का उपयोग कम होता है। इससे भूमि की उर्वरता बढ़ती है। पौधों में वृद्धिकारक हारमोंस उत्पन्न होते हैं। इससे उसकी बढ़त पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। जैविक खाद से ली जाने वाली फसल में मृदाजन्य रोग नहीं होते। लाभकारी सूक्ष्म जीवों की बढ़ोत्तरी होती है और पर्यावरण सुरक्षित रहता है।
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