इस लापरवाही की वजह से यूपी के बच्चों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, स्कॉलरशिप तक से हैं दूर
आजमगढ़ के परिषदीय विद्यालयों में लगभग 20 हजार बच्चे आधार कार्ड के अभाव में सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। शिक्षा विभाग के निर्देशों के बावजूद, दस्तावेज की कमी और तकनीकी बाधाओं के कारण आधार कार्ड नहीं बन पाए हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने विद्यालयों में कैंप लगाकर आधार नामांकन कार्य पूरा कराने का आश्वासन दिया है, ताकि सभी बच्चों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 20 हजार बच्चों का अब तक आधार कार्ड नहीं बन सका है। जिसके कारण वे सरकार की कई महत्वपूर्ण योजनाओं से वंचित रह गए हैं। शिक्षा विभाग के बार-बार निर्देश देने के बावजूद आधार कार्ड न बनने से बच्चों को ड्रेस, जूता-मोजा, बैग, किताबें, छात्रवृत्ति और पोषण भत्ता जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिले के परिषदीय विद्यालयों में कुल एत लाख 92 हजार छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इनमें से लगभग 20 हजार बच्चों का आधारकार्ड लंबित है।
कई विद्यालयों ने आधार नामांकन के लिए अभिभावकों से बार-बार आग्रह किया, लेकिन दस्तावेजों की कमी और तकनीकी बाधाओं के चलते आधार कार्ड नहीं बन सका। शिक्षकों का कहना है कि इन बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र न होने या अन्य कारणों के चलते अभी तक आधार कार्ड नहीं बन पाया है।
आधार न होने के कारण बच्चों को सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि बच्चों के हितों को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों में कैंप लगाकर आधार नामांकन कार्य पूरा कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि शासन स्तर से भी निर्देश जारी हुए हैं कि जिन बच्चों का आधार नहीं है, उनके लिए विशेष अभियान चलाकर प्रक्रिया पूरी की जाए, ताकि कोई भी बच्चा सरकारी सुविधा से वंचित न रहे।
बीएसए राजीव पाठक ने कहा कि शासन की मंशा है कि प्रत्येक बच्चे तक योजना का लाभ पहुंचे। आधार कार्ड न बनने से बच्चों का नुकसान हो रहा है। इसलिए विद्यालय स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर आधार नामांकन सुनिश्चित कराया जाएगा।
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