Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आजमगढ़ में मस्जिद पर सऊदी अरब का झंडा लगाने से विवाद, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 02:28 PM (IST)

    आजमगढ़ के अतरौलिया थाना क्षेत्र में नूरी मस्जिद की मीनार पर सऊदी अरब का झंडा लगाने का मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए झंडा उतरवाया। एएसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने और वैमनस्य फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है।

    Hero Image
    पुलिस ने समाज में शांति बनाए रखने की अपील की है।

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़। अतरौलिया थाना क्षेत्र के ग्राम कड़सरा शिवदास का पुरा स्थित नूरी मस्जिद की मीनार पर सऊदी अरब का झंडा लगाए जाने का एक विवादास्पद मामला सामने आया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर झंडा उतरवाया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गौरव सिंह रघुवंशी द्वारा साझा किए गए वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि मस्जिद की मीनार पर सऊदी अरब का झंडा लहराया जा रहा था। वीडियो के वायरल होते ही उपनिरीक्षक जफर अयूब अपने दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और झंडे को उतारकर सुरक्षित किया। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई कि झंडा लगाने वाला युवक कड़सरा शिवदास का पुरा का ही निवासी है।

    एएसपी ग्रामीण चिराग जैन ने बताया कि नूरी मस्जिद पर सऊदी अरब के झंडा लगाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि यह कृत्य धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाला और समाज में वैमनस्य फैलाने वाला माना गया है। इस मामले में आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आवश्यक विधिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

    पुलिस ने बताया कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में तनाव उत्पन्न कर सकती हैं और इसलिए इस पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। स्थानीय लोगों ने भी इस घटना की निंदा की है और इसे समाज में एकता और भाईचारे के खिलाफ बताया है।

    इस घटना ने क्षेत्र में धार्मिक संवेदनशीलता को एक बार फिर से उजागर किया है। पुलिस प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहें और समाज में शांति बनाए रखें।

    इस मामले में आगे की जांच जारी है और पुलिस ने यह सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है कि ऐसे कृत्यों को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। स्थानीय समुदाय के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर चर्चा की है और सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है।

    इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक स्थलों का सम्मान करना सभी की जिम्मेदारी है और किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

    इस प्रकार की घटनाएं समाज में एकता और भाईचारे को कमजोर कर सकती हैं, इसलिए सभी को मिलकर इस दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता है।