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    Azamgarh News: छह महीने बाद शव मिलने से लोग सन्न, लापता मामा को लेकर परिजन सशंकित

    Updated: Wed, 25 Dec 2024 02:40 AM (IST)

    आजमगढ़ के निवासी 42 वर्षीय कन्हैया यादव की मास्को में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनका शव छह माह बाद घर पहुंचा जिससे परिवार में कोहराम मच ग ...और पढ़ें

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    आजमगढ़ : रोते-बिलखते कन्हैया के स्वजन। जागरण

    संवाद सूत्र, आजमगढ़। थाना क्षेत्र के बनकटा बाजार गोसाई निवासी 42 वर्षीय कन्हैया यादव की संदिग्ध हाल में मौत और करीब छह माह बाद घर पहुंचे शव ने न सिर्फ स्वजन को झकझोर कर रख दिया है बल्कि नात-रिश्तेदार और आसपास के लोग भी सन्न है। 

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    यही कारण रहा कि शव आने के दूसरे दिन मंगलवार को भी पीड़ित परिवार के घर लोगों के पहुंचने का सिलसिला लगा रहा। उधर, पिता को खोने वाले अजय साथ गए मामा का भी तभी से नंबर न मिलने से तरह-तरह की आशंकाओं से संशकित हैं।

    यह है पूरा मामला

    कन्हैया यादव कुक के वीजा पर दिल्ली के एजेंट के माध्यम से 16 जनवरी को मास्को पहुंचे। वहां नौ मई को संदिग्ध हालत में घायल हो गए और 17 जून की मौत हो गई थी। इसकी सूचना छह दिसंबर को फोन के माध्यम से परिजनों को मिली थी। परिवार के लोगों की नौ मई को अंतिम बार उनसे बात हुई थी। 

    तब उन्होंने पैर में छर्रा लगने और मुंह में इंफेक्शन की जानकारी दी थी। इसके बाद फिर फोन लगा नहीं। उनका दाह संस्कार सोमवार को देर रात दोहरीघाट मुक्तिधाम पर किया गया। मुखाग्नि बड़े पुत्र अजय यादव ने दी। इस मौके पर लोगों का हुजूम उमड़ा रहा। मृत कन्हैया के बड़े पुत्र अजय यादव ने बताया कि भारतीय दूतावास हमारा पूरा सहयोग किया। 

    मामा को लेकर आशंकित हैं स्वजन

    अजय यादव ने बताया कि पिताजी के साथ मामा विनोद यादव निवासी चंद्रापार, मऊ भी गए थे। 25 अप्रैल से उनसे भी बातचीत नहीं हो पा रही है। वहां के लोगों का कहना है कि अभी कोई उनका अपडेट नहीं मिल रहा है। जानकारी होते ही सूचित किया जाएगा।

    दिल्ली का एजेंट नहीं उठाता है फोन

    अजय ने बताया कि दिल्ली के एजेंट जिनके माध्यम से मामा व पिताजी गए थे, उनका नाम दुष्यंत व सुमित है। वह लोग अब फोन ही नहीं उठाते हैं। अलबत्ता एजेंट के माध्यम से दो लाख रुपये घर पर आने की बात स्वीकार की है। बताया कि प्रति माह एक लाख 95 हजार रुपये प्रतिमाह देने की बात हुई थी। अजय ने विदेश मंत्रालय व भारत सरकार से अपील की है कि पिताजी के पैसे को दिलवाने की कृपा करें।

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