यूपी के इस जिले में फोरलेन के लिए 32 करोड़ की लागत से खरीदी जाएगी किसानों की भूमि, आवागमन होगा आसान
आजमगढ़ शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए नरौली-भंवरनाथ बाईपास को फोरलेन बनाया जाएगा। इसके लिए 89 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है। किसानों की 2.25 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा जिसके लिए उन्हें 32 करोड़ रुपये का भुगतान होगा। फोरलेन बनने से आजमगढ़ एनएच-233 वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से सीधे जुड़ जाएगा जिससे आवागमन सुगम होगा।

संवाद सहयोगा, आजमगढ़। नगर क्षेत्र को जाम से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से नरौली-भंवरनाथ बाईपास को फोरलेन बनाया जाना है। जिसके लिए लोक निर्माण विभाग ने 70 करोड़ रुपये की कार्ययोजना शासन को भेजी थी। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद 89 करोड़ रुपये का बजट भी आवंटित हो गया है।
कार्यदायी संस्था ने टेंडर प्रकिया पूरी कर ली है। बाईपास को टू से फोर लेन निर्माण में किसानाें की 2.25 हेक्ट्रेयर अधिग्रहित की जाएगी, जिसके लिए किसानाें को 32 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा है।
सर्वे के बाद कार्यदायी संस्था ने लोक निर्माण विभाग ने भूमि अधिग्रहण कार्रवाई के लिए प्रत्रावली एसडीए सदर के पास प्रेषित की है। गाटा संख्या का निर्धारण होने के बाद भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। उसके बाद फोरलेन का निर्माण कराया जाएगा।
जनपद में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे वाहनों के कारण शहर क्षेत्र में आवागमन दूभर हो जाता है। अक्सर कहीं न कहीं लोग जाम की समस्या से जूझते हैं, जिसे देखते हुए शहर बाईपास बांध को फोरलेन बनाने कवायद शुरू की गई। जिसके लिए लोक निर्माण विभाग ने कुल 70 करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया था, जिसके बाद शासन से बजट आवंटित हो गया है।किसानों की जमीन का अधिग्रहण के बाद बची शेष धनराशि से फोर लेन का निर्माण कराया जाएगा।
एनएच-233 से सीधे जुड़ जाएंगे कई जिले
नरौली पर दूसरा पुल व फोरलेन बाईपास बनने के बाद जिला सीधे एनएच-233 वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से जुड़ जाएगा।वैसे तो जनपद भंवरनाथ के आगे जाकर वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन से जुड़ा है। लेकिन नरौली-भंवनाथ तक फोरलेन बनने के बाद यह नरौली पर आजमगढ़, मऊ फोरलेन और भंवरनाथ के पास जाकर सीधे वाराणसी-लुंबिनी फोरलेन के माध्यम से जुड़ जाएगा। इससे लोगों का आवागमन सुलभ हो जाएगा।
‘‘ नरौली-भंवरनाथ बाईपास को फोर लेन बनाने की प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद शासन से बजट आवंटित हो गया है। टू लेन से फोर बनाने में किसानों की जमीन अधिग्रहित की जानी है। इस मद में 21 करोड़ रुपये खर्च होने हैं। किसानों के गाटा संख्या निर्धारण के लिए तहसील सदर में पत्रावली प्रेषित की गई है। तकनीकी बाद वित्तीय ई-टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। गाटा संख्या निर्धारण के बाद भूमि अधिग्रहण के बाद निर्माण की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
-संकर्षण लाल, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी, निर्माण खंड दो।
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