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    आजमगढ़ में सरयू नदी में बाढ़ से तटवर्ती क्षेत्रों में बढ़ा खतरा, कई न‍िचले इलाकों के गांव डूबे

    आजमगढ़ के रौनापार में सरयू नदी में बाढ़ से हालात गंभीर हैं। कई गांव पानी से घिरे हैं जिससे लोगों का जीवन मुश्किल हो गया है। पशुओं के लिए चारे की कमी है। बैराजों से लगातार पानी छोड़े जाने से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। 25 हजार लोग प्रभावित हुए हैं और स्कूलों में पढ़ाई बाधित है।

    By Anil Mishra Edited By: Abhishek sharma Updated: Sat, 09 Aug 2025 06:40 PM (IST)
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    सरयू नदी की बाढ़ से देवारा के घिरे कई पुरवे।

    जागरण संवाददाता, रौनापार (आजमगढ़)। सरयू नदी की बाढ़ से देवारावासियों की मुश्किलें बढ़तीं ही जा रहीं हैं। बाढ़ के पानी से कई पुरवा घिर गए हैं, जिससे आवागमन काफी प्रभावित हो गया है। पशुओं के हरे चारे का भी संकट उत्पन्न हो गया है।

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    लगातार छठवें दिन शनिवार को भी शारदा, गिरिजा व सरयू बैराज से तीन लाख, 58 हजार, 159 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। पांच दिन में तीनों बैराजों से अब 20 लाख, तीन हजार, 740 क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है। उधर, शनिवार शाम चार बजे मुख्य माप स्थल बदरहुआ नाला पर खतरा बिंदु से 58 सेंटीमीटर ऊपर और न्यूनतम गेज स्थल डिघिया नाला पर खतरा बिंदु 70.40 मीटर से 97 सेंटीमीटर ऊपर जलस्तर रिकार्ड किया गया।

    बाढ़ के पानी से लगभग 25 हजार आबादी प्रभावित हो गई है। देवारा खास राजा के बगहवा का पुरवा स्थित परिषदीय विद्यालय बाढ़ का पानी पहुंच गया है, जिससे अवकाश के बाद सोमवार को स्कूल खुलने पर बच्चों का पठन-पाठन बाधित रहेगा।

    जलस्तर में वृ़द्धि के साथ महुला-गढ़वल बांध के तटवर्ती गांव चक्की हाजीपुर, भदौरा, शाहडीह, बूढनपट्टी, बांका, अभ्भनपट्टी,मानिकपुर, सोनौरा,जमुवारी गांव के रास्तों पर पानी चढ़ गया है। लोग घुटनों तक पानी से होकर आवागमन कर रहे हैं। तटवर्ती क्षेत्र में चारों तरफ पानी फैल जाने से लोगों को घर से निकलते ही पानी से होकर गुजरना पड़ रहा है। अभी तक सरकारी नाव नहीं लगाई गई है।

    प्रभावित कई गांवों के ग्रामीण निजी नावों से ही आवागमन कर रहे हैं। काफी बढ़ गई है। देवारा खास राजा के बगहवा व झगरहवा पुरवा, सहनूडीह के अलावा परसिया, उर्दिहा, गांगेपुर, शाहडीह गांव के समीप धीमी गति से कटान हो रही है। अब तक लगभग पांच एकड़ खेती की जमीन नदी की धारा में समा चुकी है। जलस्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो स्थिति और खराब हो जाएगी।

    चार दिन में नदी के जलस्तर की स्थिति

    बुधवार शाम चार बजे बदरहुआ नाला पर जलस्तर न्यूनतम गेज 70.25 मीटर से ऊपर 71.26 मीटर था, जो गुरुवार शाम चार बजे 71.55 मीटर, शुक्रवार शाम चार बजे 1.55 मीटर ऊपर और शनिवार शाम चार बजे एक मीटर, 91 सेंटीमीटर पर रिकार्ड किया गया। इस स्थान पर शुक्रवार शाम चार बजे खतरा बिंदु 71.68 मीटर से 12 सेंटीमीटर ऊपर 71.80 मीटर नदी बह रही थी, जो शनिवार शाम चार बजे 72.16 मीटर पर पहुंच गई। उधर, गुरुवार शाम चार बजे डिघिया नाला पर न्यूनतम गेज से दो मीटर ऊपर और खतरा बिंदु 70.40 मीटर से ऊपर 70.90 मीटर पर जलस्तर रिकार्ड किया गया था। जो शनिवार शाम चार बजे 71.37 मीटर पर दर्ज किया गया।

    शुक्रवार की शाम चार बजे न्यूनतम गेज 68.90 मीटर से ऊपर 2. 20 मीटर ऊपर और खतरा बिंदु 0.40 मीटर से ऊपर 71.10 मीटर पर जलस्तर रिकार्ड किया गया। शनिवार शाम चार बजे 68.90 मीटर से ऊपर दो मीटर, 47 सेंटीमीटर ऊपर रिकार्ड किया गया।

    अभी तक सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं

    अभी तक प्रशासन की तरफ से सरकारी नाव की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की गई है। ऐसे में यदि बाढ़ के पानी से घिरे गांव के लोगों को आकस्मिक सेवा के लिए महुला-गढ़वल बांध तक जाना पड़े तो उन्हें काफी परेशानी होगी।

    छह दिन में क्रमवार बैराजों से छोड़ा गया पानी

    शारदा बैराज से पहले दिन 1,26,629 क्यूसेक, दूसरे दिन 1,53,584 क्यूसेक, तीसरे दिन 1,57,290 क्यूसेक, चौथे दिन 1,60,996 क्यूसेक,पांचवें दिन 1,53,584 क्यूसेक और छठवें दिन 1,64,702 क्यूसेक , गिरिजा बैराज से पहले दिन 1,70,505 क्यूसेक, दूसरे दिन 1,55,103 क्यूसेक, तीसरे दिन 1,64,037 क्यूसेक, चौथे दिन 1,64,038 क्यूसेक, पांचवें दिन 1,34,435 व छठवें दिन 1,70,505 क्यूसेक और सरयू बैराज से पहले दिन 8,853 क्यूसेक, दूसरे दिन 18,214 क्यूसेक, तीसरे दिन 44,667 क्यूसेक, चौथे दिन 18,638 क्यूसेक, पांचवें दिन 15,007 क्यूसेक व छठवें दिन 22,952 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।