Azamgarh Encounter: एनकाउंटर में ढेर हुआ 'वाकिफ' पूर्वांचल में जमाने लगा था सिक्का, लंबा है आपराधिक इतिहास
यूपी एसटीएफ रौनापार थाना क्षेत्र के जोकहरा पुलिया के पास गुरुवार की देर रात 50 हजार इनामी बदमाश फूलपुर थाना क्षेत्र के नियाउज गांव निवासी वाकिफ को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। सरायमीर पुलिस के अनुसार, वर्ष 2015 में वाकिफ के खिलाफ कई गंभीर आरोप के साथ पहला मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें लूट, हत्या की कोशिश एवं अवैध गतिविधियां शामिल थीं।
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जागरण संवाददाता, आजमगढ़। यूपी एसटीएफ रौनापार थाना क्षेत्र के जोकहरा पुलिया के पास गुरुवार की देर रात 50 हजार इनामी बदमाश फूलपुर थाना क्षेत्र के नियाउज गांव निवासी वाकिफ को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। सरायमीर पुलिस के अनुसार, वर्ष 2015 में वाकिफ के खिलाफ कई गंभीर आरोप के साथ पहला मुकदमा दर्ज हुआ था, जिसमें लूट, हत्या की कोशिश एवं अवैध गतिविधियां शामिल थीं।
वाकिफ की सक्रियता और आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए उसके खिलाफ यह पहला मामला उसी वर्ष पंजीकृत किया गया था। इसके बाद से वाकिफ पुलिस के लिए लगातार चुनौती बना रहा, और उसकी कई बार गिरफ्तारी तथा मुठभेड़ों की घटनाएं सामने आईं। आखिरकार इस नवीनतम मुठभेड़ में पुलिस ने उसे मार गिराया।
2015 में दर्ज मामला वाकिफ की आपराधिक यात्रा की शुरुआत का दस्तावेज है, जिसने जिले में सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी। पुलिस ने उसके खिलाफ कई बार अन्य थानों में भी मुकदमे दर्ज किए और आजमगढ़ पुलिस ने उसे पकड़ने की कई सघन कोशिशें कीं। लेकिन पुलिस की कोशिश र्सिफ कोशिश बनकर रह जाती, वाकिफ पुलिस को चकमा देने का महारथ हासिल किया था। इसलिए लगातार पुलिस की आंखो में धूल झोकता रहा।
पूर्वांचल में जमाने लगा था सिक्का, बढ़ रही थी गतिविधियां
पूर्वांचल में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के बीच वाकिफ ने अपनी पैठ जमाना शुरू किया था। पूर्वांचल क्षेत्र, खासकर गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़ जैसे जिलों में वाकिफ ने अवैध कारोबार, गौ तस्करी, हथियार तस्करी और रंगदारी वसूली जैसे संगठित अपराधों में सक्रिय रूप से भागीदारी की। पूर्वांचल का भूगोल, आर्थिक कमजोरी और सीमावर्ती इलाके नेपाल से लगी सीमाएं अपराधियों के लिए सुरक्षित रास्ते उपलब्ध कराती हैं, जिससे यहां अपराधी गिरोहों का उगान हुआ।
वाकिफ ने इन परिस्थितियों का फायदा उठाकर जिले के कई इलाके अपनी ताकत के तहत कर लिए थे। उसकी बड़ी विशेषता थी इलाके में भय फैलाकर आपसी करोबार और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण करना। पूर्वांचल में संगठित अपराध की बढ़ती घटना के बीच वाकिफ जैसे अपराधी सामाजिक स्थिरता के लिए खतरा बने हुए थे। पुलिस लगातार उनकी तलाश में लगी रही और अंततः मुठभेड़ में उसे खत्म किया गया। वाकिफ की सक्रियता ने क्षेत्र को अपराध की दृष्टि से संवेदनशील बना दिया था, जिससे सुरक्षा बलों की सतर्कता बढ़ गई थी।
पुलिस की दबिश से तनाव में रहता परिवार
फूलपुर के नियाउज निवासी वाकिफ का परिवार एक सामान्य ग्रामीण परिवार से था, जहां शुरुआती दौर में वह एक साधारण जीवन व्यतीत करता था। हालांकि, समय के साथ वह अपराध की दुनिया में उतरा और उसका परिवार भी उसके आपराधिक कृत्यों की वजह से तनाव और सामाजिक दबाव का सामना कर रहा था।
परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वाकिफ का शुरूआती जीवन सामान्य था, पर उसकी आपराधिक गतिविधियों ने परिवार को समाज से अलगाव और पुलिस के लगातार दबाव में डाल दिया। परिवार के सदस्य कई बार समाजिक तौर पर हाशिए पर चले गए और उन्हें सुरक्षा की चिंता सताती रही।पुलिस की जांच में यह भी पता चला कि वाकिफ के परिवार के कुछ सदस्य उसकी अवैध गतिविधियों से अनजान थे, जबकि कुछ सदस्यों ने उसके अपराधों के खिलाफ खुलकर या दबे रूप में प्रतिक्रिया दी। कुल मिलाकर, वाकिफ का पारिवारिक जीवन उसकी अपराधी छवि के कारण जटिल और कलहपूर्ण रहा, जिसका सीधा असर उसके घर वालों की जिंदगी पर पड़ा।

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