आजमगढ़ जिला पंचायत में टेंडर की अनियमितता पर तीन अधिकारी और कर्मचारी निलंबित
आजमगढ़ जिला पंचायत में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता के चलते तीन अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई वित्तीय अनियमितताओं ...और पढ़ें

प्रकाशित निविदाओं में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत पर उत्तर प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जिला पंचायत में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान प्रकाशित निविदाओं में गंभीर अनियमितताओं की शिकायत पर उत्तर प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। पंचायती राज विभाग के विशेष सचिव ने तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी विद्याशंकर पाण्डेय (जो वर्तमान में मैनपुरी जिला पंचायत में तैनात हैं), अवर अभियंता गणेश पाल और तत्कालीन अवर अभियंता रविंद्र यादव (जो वर्तमान में हापुड़ जिला पंचायत में तैनात हैं) को निलंबित कर दिया है।
यह कार्रवाई भारतीय जनता पार्टी के लालगंज के निवर्तमान जिलाध्यक्ष सूरज प्रकाश श्रीवास्तव की शिकायत पर की गई जांच के बाद की गई है। उन्होंने दिसंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच प्रकाशित टेंडर क्रमांक 58, 59, 60, 65, 108 और 113 पर आपत्ति जताई थी। उनकी शिकायत में कहा गया था कि ये परियोजनाएं 5-6 महीने पहले ही पूरी हो चुकी थीं, फिर भी उनके लिए टेंडर निकाले गए।
इस शिकायत की जांच की गई, जिसमें यह पाया गया कि उनकी आपत्ति सही थी। जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई, जिसके बाद निलंबन का आदेश जारी किया गया। मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने इस कार्रवाई की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यों में किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले में निलंबित अधिकारियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें और सरकारी धन के दुरुपयोग को रोकने के लिए सतर्क रहें। इस प्रकार की कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है और किसी भी प्रकार की अनियमितता को सहन नहीं करेगी।

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