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    आजमगढ़ में डायरिया का कहर, चार बच्चों की मौत से मचा हड़कंप, स्वास्थ्य विभाग सक्रिय

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 12:31 PM (IST)

    आजमगढ़ के मार्टिनगंज नगर पंचायत के भगत सिंह वार्ड में डायरिया से चार बच्चों की मौत हो गई जिससे पूरे गांव में दहशत है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वार्ड में डेरा डाल दिया है और दो पालियों में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। वहां क्षेत्र में चार बच्‍चों की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है।

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    डायरिया से चार बच्चों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग टीम ने भगत सिंह वार्ड में डाला डेरा।

    जागरण संवाददाता, दीदारगंज (आजमगढ़)। नगर पंचायत मार्टिनगंज के भगत सिंह नगर वार्ड में डायरिया के प्रकोप से चार मासूम बच्चों की जान चली गई, जिससे प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। चार बच्चों की मौत ने पूरे गांव में दहशत और शोक का माहौल बना दिया है। रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भगत सिंह वार्ड में डेरा डाल दिया है।

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    लगभग एक सप्ताह पूर्व, मार्टिनगंज नगर पंचायत के भगत सिंह वार्ड में डायरिया का प्रकोप तेजी से बढ़ा, जिसके कारण वार्ड के 15 से अधिक बच्चे उल्टी और दस्त से ग्रसित हो गए। 28 सितंबर को तीन मासूम बच्चों की डायरिया से मौत हो गई, और पिछले शुक्रवार को चार वर्षीय ज्योति की अचानक उल्टी-दस्त शुरू हुआ, जिसके बाद जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। इस गंभीर घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग अब सक्रिय हुआ है और भगत सिंह वार्ड में डेरा डाले हुए है।

    प्रभारी चिकित्सा अधिकारी मार्टिनगंज ने दो पालियों में डाक्टरों की ड्यूटी लगाई है, जो सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक और शाम 4 बजे से सुबह 10 बजे तक कार्यरत रहेंगे। इन डाक्टरों द्वारा लगातार स्वास्थ्य जांच की जा रही है। रविवार को जागरण टीम के पहुंचने पर भगत सिंह वार्ड में चिकित्सा अधिकारी डाक्टर शशिकांत, फार्मासिस्ट विनोद कुमार यादव, आरबीएसके टीम के डाक्टर अजीत सिंह और एल टी प्रमिला राय मौजूद थे। उन्होंने वार्ड के लोगों को जागरूक किया कि वे खानपान पर विशेष ध्यान दें, स्वच्छ और ताजा भोजन करें, और बासी भोजन से बचें।

    फार्मासिस्ट विनोद कुमार यादव ने बताया कि अब कोई डायरिया के लक्षण वाला मरीज नहीं है और स्वास्थ्य टीम समय-समय पर जांच कर रही है। वहीं, लोगों का आरोप है कि यदि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पहले ही सतर्क होते, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती। तीन मासूमों की जान जाने के बाद भी यदि स्वास्थ्य विभाग सक्रिय होता, तो शायद चौथे मासूम की जान बचाई जा सकती थी। नगर पंचायत और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा कीटनाशक दवाओं का भी छिड़काव किया जा रहा है।

    स्थानीय लोगों ने बताया कि रविवार को स्वास्थ्य विभाग के अलावा कोई प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा था। भगत सिंह वार्ड के अधिकांश लोग मजदूर हैं, जो भट्टे पर काम करके अपनी जीविका चलाते हैं। वहीं क्षेत्र में डायर‍िया से चार बच्‍चों की मौत के बाद मातम पसरा हुआ है।