Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Hajj 2025: हज यात्रा के लिए आवेदन शुरू, नियमों में हुआ है कुछ बदलाव; यहां जाने सब कुछ

    Updated: Fri, 30 Aug 2024 03:40 PM (IST)

    इस्लाम धर्म में हज को विशेष महत्व दिया गया है। हज इस्लाम धर्म का तीर्थ स्थल है। इस्लाम धर्म के अनुयायी सऊदी अरब के मक्का शहर जाकर हज यात्रा करते हैं। हज (Hajj) पर जाने वाले लोगों को हाजी कहा जाता है। यह इस्लामी आस्था का सर्वोच्च प्रतीक माना जाता है जिनमें तीर्थयात्री काबा के सामने सजदा करते हैं। इसबार आजमीनों के ठहरने के नियम में बदलाव किया गया है।

    Hero Image
    13 अगस्त से आवेदन फार्म भरे जाने शुरू हो गए हैं। जागरण

     संवाद सूत्र, जागरण, सरायमीर (आजमगढ़)। हज यात्रा 2025 के लिए आवेदन शुरू हो गया है। हज के सफर के लिए आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ पासपोर्ट, पासबुक की कापी लगानी होगी। हज की पवित्र यात्रा पर जाने के लिए 13 अगस्त से आवेदन फार्म भरे जाने शुरू हो गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    केन्द्रीय हज कमेटी के निर्देशों के अनुसार स्थानीय हज कमेटियां और हज से जुड़ी संस्थाएं हज जाने वाले यात्रियों के फार्म भरवाने से लेकर सभी औपचारिकताएं पूरी करने का काम करती हैं। वर्ष 2025 में हज पर जाने के लिए आवेदन के साथ पासपोर्ट की कापी, बैंक पासबुक या कैन्सल चैक की कापी, ओरिजिनल आधार कार्ड, पैन कार्ड और ब्लड ग्रूप की रिपोर्ट लगानी होगी।

    हज के सफर के लिए आनलाइन आवेदन करना होगा। हज ट्रेनर और हज प्रशिक्षक के तौर पर सेवाएं देने वाले अफजल आजमी ने बताया कि इस्लाम को मानने वाले हर व्यक्ति की तमन्ना होती है कि वो हज का सफर कर मक्का और मदीना में इबादत करे।

    इसे भी पढ़ें-मां की जिद के आगे झुकी पुलिस, आठ महीने बाद खुला बेटे की हत्‍या का राज

    यही ख्वाहिश लिए हर मुस्लिम अपनी जिंदगी भर की जमा-पूंजी खर्च कर हज पर जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले सालों के मुकाबले हज का सफर अब काफी महंगा हो गया है। हज पर जाने वाले आजमीन को लाखों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इसमें हवाई जहाज का किराया, मक्का, मदीना, मैदान-ए-अराफात और मुजदलिफा में ठहरना शामिल है।

    भारत को मिला 1.75 लाख हज यात्रियों का कोटा

    भारत से जाने वाले हज यात्रा 2025 के लिए 1 लाख, 75 हजार, 25 सीटों का कोटा सऊदी अरब सरकार की तरफ से दिया गया है। इसमें 70 प्रतिशत केन्द्रीय हज कमेटी को मिला है। और 30 प्रतिशत प्राइवेट टूर आपरेटर्स को दिया गया है। सब्सिडी बंद हो जाने से भी हज का सफर थोड़ा महंगा हुआ है।

    इसे भी पढ़ें- बिजनौर में तीन लोगों की जान लेने वाला गुलदार भी आएगा गोरखपुर Zoo

    सऊदी में लोगों के ठहरने के नियम में बदलाव हज ट्रेनर अफजल आजमी के अनुसार इस बार सऊदी हुकूमत ने हज पर आने वाले लोगों के ठहरने के नियमों में बदलाव किया है। अब मर्द और औरत दोनों के लिए ठहरने की व्यवस्था एक ही बिल्डिंग में अलग-अलग की जाएगी।

    भारत से जाने वाले यात्रियों के लिए जहां मक्का में भारत सरकार अजीजिया इमारतों में रुकने का इंतजाम करती है, वहीं मदीना में ठहरने के इन्तेजामात करीब की बिल्डिग में होते हैं।