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    छह लाख बच्चों का आभा कार्ड बनने से एक क्लिक में मिलेगी जानकारी, चार हजार आशा कार्यकर्ता को मिली जिम्मेदारी

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 03:34 PM (IST)

    आजमगढ़ जिले में छह लाख बच्चों के आभा कार्ड बनाए जा रहे हैं। इससे बच्चों के स्वास्थ्य रिकॉर्ड एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे। चार हजार आशा कार्यकर्ताओं को यह ...और पढ़ें

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    छह लाख बच्चों का बनेगा आभा कार्ड।

    जागरण संवाददाता, आजमगढ़। जिले में छह लाख बच्चों (पांच वर्ष तक) का आभा कार्ड बनेगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। हर बच्चें का एक यूनिक हेल्थ आईडी नंबर होगा, जिसके जरिए जन्म से लेकर पांच साल तक की उम्र तक की संपूर्ण चिकित्सा जानकारी डिजिटल रूप में सुरक्षित रखी जाएगी।

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    यह पहल माता-पिता को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच दिलाने के साथ सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग में भी अहम भूमिका निभाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए चार हजार आशा कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपी है।

    स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर अब आशा कार्यकर्ता और एएनएम टीकाकरण केंद्र पर पांच वर्ष तक के बच्चों को टीका लगाने के साथ-साथ उनका आभा कार्ड भी बनाएंगी। इसके लिए माता-पिता को अपना आधार कार्ड टीकाकरण केंद्र पर लाना होगा। टीकाकरण केंद्र पर नवजात और छोटे बच्चों का आभा कार्ड उनके माता-पिता या अभिभावक के आभा नंबर से लिंक किया जाएगा।

    इस कार्ड में बच्चे का टीकाकरण रिकॉर्ड, जन्म के समय वजन, समय-समय पर हुई स्वास्थ्य जांच, एलर्जी, बीमारियां, अस्पताल में भर्ती होने का इतिहास और दिए गए उपचार का विस्तृत विवरण सुरक्षित रहेगा। सरकारी अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रो और निजी चिकित्सालयों में यह रिकार्ड तुरंत उपलब्ध होगी।

    आभा कार्ड के बनने के बाद माता-पिता को बार-बार पुरानी रिपोर्ट, टीकाकरण कार्ड या कागज़ी दस्तावेज़ साथ रखने की आवश्यकता नहीं होगी। डॉक्टर बच्चे के आभा नंबर की मदद से उसके पिछले इलाज और स्वास्थ्य स्थिति का पूरा डेटा देख सकेंगे। इससे उपचार की गुणवत्ता में सुधार होगा और गलत दवाइयों या दोहराव वाले परीक्षणों से भी बचा जा सकेगा।

    स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होने वाली बीमारियों और उनके उपचार की निरंतर निगरानी से सरकार को स्वास्थ्य योजनाओं को बेहतर दिशा देने में मदद मिलेगी। इससे नाटेपन, किसी बीमारी से संक्रमित और कुपोषित बच्चों की पहचान भी जल्दी हो सकेगी।

    डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सरकार पहले ही वयस्क नागरिकों के लिए आभा कार्ड जारी कर रही है। अब बच्चों को भी इस दायरे में लाने से स्वास्थ्य ढांचे के पूर्ण डिजिटलीकरण की दिशा में यह एक बड़ा कदम हाेगा। -डॉ. उमाशरण पांडेय, नोडल अधिकारी।