घातक है भगंदर की समस्या
आजमगढ़ : आज भगंदर (फिस्टुला) एक जटिल समस्या बनकर उभर गई है। इसका इलाज और इसे जड़ से समाप्त करना चिकित्सकों के लिए कड़ी चुनौती साबित हो रही है। इस रोग में गुदा मार्ग के बाहर एक या एक से अधिक पिंडिकाएं उत्पन्न हो जाती है। इससे स्राव आता रहता है। मरीज डाक्टर के पास शिकायत लेकर आता है कि उसके गुदा मार्ग से मवाद आ रहा है।
वरिष्ठ सर्जन डा. विष्णु ने बताया कि आज लोगों का खान-पान पूरी तरह पश्चिमी सभ्यता पर आधारित हो गया है। लोग तेल, मिर्च, मसाला, तली, भूनी चीजें, फास्ट फूड, अनियमित भोजन का अधिक सेवन करते हैं। खाने में हरी सब्जियां, सलाद, पौष्टिक आहार का सेवन कम कर रहे हैं। व्यायाम, परिश्रम आदि से लोग दूर भाग रहे हैं जिसके कारण लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। उपरोक्त निदान अनियमित आहार-विहार सेवन के कारण लोग एक जटिल बीमारी भगंदर का शिकार हो रहे हैं। आयुर्वेद में भगंदर के इलाज के लिए क्षारसूत्र का विधान है, जिसका परिणाम बहुत अच्छा है। क्षारसूत्र एक मेडिकेटेड थ्रेड होता है। आयुर्वेद की कई औषधियों के योग से इस क्षारसूत्र का निर्माण किया जाता है।
क्षारसूत्र विधि से आपरेशन से होने वाले फायदे
0 मरीज आपरेशन के बाद उसी दिन घर जा सकता है।
0 भगंदर के पुन: होने की संभावना कम होती है।
0 मरीज अपना दैनिक कार्य कर सकता है।
0 बूढ़े-बच्चों में भी इसका प्रयोग सरलतापूर्वक किया जा सकता है।
0 इसका प्रयोग विधि बहुत सरल है।
0 क्षार सूत्र घाव भरने में सहायता करता है। मवाज को बाहर निकालता है और प्राइमरी सोर्स आफ इंफेक्शन को दूर करता है।
भगंदर से बचाव के उपाय
0 निदान परिवर्जन ही इस बीमारी का सर्वोत्तम इलाज है।
0 फास्ट फूड का पूरी तरह निषेध करें
0 नियमित आहार विहार का सेवन करें।
0 तेल, मिर्च, मसाले का सेवन न करें।
0 नियमित व्यायाम करें
0 खाने में हरी सब्जियां, सलाद, पौष्टिक आहार का सेवन करें
0 कब्जियत होने पर शौच के समय यदि दर्द हो रहा हो या मल के साथ या बाद में खून आता हो तो विशेष डाक्टर से संपर्क करें।
0 जोर लगाकर मल न करें।
0 गुनगुने पानी में शौच उपरांत बैठें।

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