निवास प्रमाण पत्र की राह में नगर पंचायत का रोड़ा
जीयनपुर (आजमगढ़) : सगड़ी तहसील क्षेत्र की नगर पंचायत जीयनपुर में लगभग चार वर्षो से निवास कर रहे 13 परिवारों के सामने निवास प्रमाण पत्र बनवाना बड़ी चुनौती बन गई है। ऐसे में परिवार के बच्चे सरकारी सुविधा से वंचित होते हैं। खास बात तो यह है कि इनके पास राशन कार्ड, वोटर आइडी और आधार कार्ड भी है। सब में जीयनपुर नगर पंचायत लिखा है, लेकिन जब यह परिवार नगर पंचायत से निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए प्रमाणित करने को कहता है तो वहां से जवाब मिलता है कि जिस क्षेत्र में आप रहते हैं वह नगर पंचायत क्षेत्र में नहीं आता। अधिकारियों के यहां गुहार लगाते हुए यह परिवार थक गया है, लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। वोटर आइडी व आधार कार्ड के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।
जीयनपुर नगर पंचायत के खानकाह बहरामपुर में पिछले चार वर्षो से लोग आवास बनाकर निवास कर रहे हैं। लोगों ने जमीन की रजिस्ट्री कराते समय ही टाउन एरिया का दो फीसद टैक्स अदा किया। खास बात है कि लोग नगर पंचायत के वोटर भी हैं और उनकी जनगणना भी नगर पंचायत में ही हुई। जब उन्होंने परिवार रजिस्टर की नकल व निवास प्रमाण पत्र की मांग नगर पंचायत से की तो तत्कालीन ईओ द्वारा उन्हें यह लिखकर दे दिया गया कि आप लोग नगर पंचायत की सीमा में हैं ही नहीं, तो किस आधार पर आपको यह प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाए। इससे हतप्रभ लोग उप जिलाधिकारी सगड़ी के पास पहुंचे और उन्हें प्रार्थना पत्र देकर पूछा बताइए साहब हम कहां हैं। उनकी बातों को सुनने के बाद उप जिलाधिकारी ने मामले की जांच की जिम्मेदारी खंड विकास अधिकारी को सौंपी। तत्कालीन बीडीओ ने अपनी जांच में साफ कर दिया कि यह लोग नगर पंचायत की सीमा में निवास करते हैं। दूसरा पहलू यह कि इसी वार्ड के 90 फीसद लोगों को नगर पंचायत ने अपने क्षेत्र का मान लिया है। 10 फीसद लोगों को किस आधार पर नगर क्षेत्र का नहीं माना जा रहा है, इस बारे में स्पष्ट बात करने को कोई तैयार नहीं है।
एक बार फिर इन परिवार के लोगों ने नगर पंचायत कार्यालय पहुंचकर प्रभारी ईओ कृष्ण करुणाकर पांडेय से इस बाबत बात की। ईओ ने आश्वासन दिया कि एक सप्ताह में इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। वहीं वार्ड के लोगों का कहना है कि अगर शनिवार तक समस्या का समाधान नहीं होता है तो सोमवार से नगर पंचायत कार्यालय पर धरने के लिए विवश होना पड़ेगा। ईओ से बात करने वालों में पवन श्रीवास्तव, अबू सोफियान, त्रिभुवन मद्धेशिया, ओमप्रकाश मद्धेशिया, बिकानू प्रजापति, दुर्गा प्रसाद मद्धेशिया, महावीर सिंह, हरिश्चन्द्र राय, जयबहादुर मद्धेशिया, अब्दुल सलाम, फिरोज अहमद आदि शामिल थे। इन लोगों का कहना है कि सब कुछ के बाद आज भी सरकारी योजना के लाभ लेने के लिए तहसील के निवास प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है। सरकारी योजनाओं का लाभ बगैर इसके नहीं मिल पाता। इस संबंध में प्रभारी ईओ कृष्ण करुणाकर पांडेय का कहना है कि बहुत जल्द नागरिकों की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।
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