CM Yogi ने अयोध्या में घर-घर जाकर दिया दीपोत्सव का उपहार, भाजपा सरकार की गिनाई खूबियां
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में दीपोत्सव के बाद वाल्मीकि समाज और माझी समुदाय के साथ दीपावली मनाई। उन्होंने उपहार भेंट किए और कहा कि सरकार सभी वर्गों के उत्थान के लिए संकल्पित है। अयोध्या में चार द्वार बन रहे हैं, जो सांस्कृतिक समावेश का प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री ने रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन भी किए और संतों को सम्मानित किया। उन्होंने मतगजेंद्र मंदिर में पूजन अर्चन भी किया।

अयोध्या की वाल्मीकि बस्ती में घर-घर जाकर दीपोत्सव का उपहार देते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
जागरण संवाददाता, अयोध्या । दीपोत्सव के 26 लाख से अधिक दीपों का प्रज्वलन सुनिश्चित कराने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अयोध्या प्रवास के दूसरे दिन दीपावली की खुशी वाल्मीकि समाज एवं माझी समुदाय के लोगों के साथ साझा की । उन्होंने वंचित उपेक्षित तबके के समझे जाने वाले इन समुदायों के लोगों को प्रेम और स्नेह के साथ सम्मान पूर्वक उपहार भी भेंट किये ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार समाज के सभी वर्गों, उपेक्षित समुदायों गिरि जनों, वनवासियों के उत्थान के प्रति संकल्पित है । मुख्यमंत्री ने कहा कि हम पहले से ही सभी वर्गों तक सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित रहे हैं और आगे भी ऐसा करते रहेंगे ।
उन्होंने सबका साथ सबका विकास और सब का विश्वास की भावना के अनुरूप दोहराया कि अयोध्या इस सत्य की सबसे बड़ी प्रयोगशाला है और आज यहां शंकराचार्य, मध्वाचार्य, स्वामी रामानुजाचार्य एवं रामानंदाचार्य के नाम से चार द्वार बना रहे हैं और जो विभिन्न समुदायों और विश्वासों के समावेशी चरित्र के नियामक हैं।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कारसेवक पुरम में स्थानीय संतों के साथ भी दीपोत्सव की प्रसन्नता साझा की और संतों को भी दीपावली की भेंट से सम्मानित किया । मुख्यमंत्री अयोध्या प्रवास के दूसरे दिन रामलला का दर्शन करने राम जन्मभूमि और उनके उनके प्रिय दूत बजरंगबली का दर्शन करने हनुमानगढ़ी भी गए ।
हनुमानगढ़ी में उन्होंने संतो संग बैठक भी की । द्वितीय बेला से पूर्व ही वह विशेष विमान से गोरखपुर के लिए रवाना हो गए । मुख्यमंत्री के दो दिवसीय अयोध्या प्रवास के दौरान उनके करीब रहे जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी राम दिनेशाचार्य के अनुसार मुख्यमंत्री भगवा राजनीति के शीर्ष प्रतीक हैं, किंतु अयोध्या के लिए वह आत्मीय धर्माचार्य और राम भक्ति में लीन संवेदनशील संत हैं और उन्हें निकट अनुभूत करना आनंददायक है ।
दीपोत्सव में उनकी उपस्थिति और दीपोत्सव के दूसरे दिन प्रथम बेला में भी उनके प्रवास अयोध्या के लिए सुख सौभाग्य का परिचायक बनता है । मुख्यमंत्री ने अयोध्या प्रवास के दौरान वाल्मीकि बस्ती के निकट स्थित मतगजेंद्र मंदिर में भी पूजन अर्चन किया ।
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