Ayodhya: रामपथ पर लक्ष्मणपुरी तक दौड़ पड़ी भावना की ट्रेन, जय श्रीराम के नारों से गूंज उठी बोगियां; लोगों ने जमकर ली सेल्फी
लोको पायलट तिवारी ने जय श्रीराम बोलकर यात्रियों का स्वागत किया तो पूरी ट्रेन में जय श्रीराम का उद्घोष गूंज उठा। प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाई तो ...और पढ़ें

निशांत यादव, अयोध्या। प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या से एक ट्रेन नहीं मानो पुष्पक विमान श्रद्धा के भाव के साथ उड़ चला हो। अयोध्या से लक्ष्मणपुरी (लखनऊ) तक वंदे भारत एक्सप्रेस जहां से भी गुजरी, लाइन किनारे खड़े लोग जैसे उस ट्रेन की छवि कैमरे में कैद करने के लिए आतुर दिखे। इसके सारथी लोको पायलट एमके तिवारी और सहायक लोको पायलट आशीष कुमार बने।
लोको पायलट तिवारी ने जय श्रीराम बोलकर यात्रियों का स्वागत किया तो पूरी ट्रेन में जय श्रीराम का उद्घोष गूंज उठा। प्रधानमंत्री मोदी ने हरी झंडी दिखाई तो दोपहर 12:12 बजे यह सेमी हाईस्पीड ट्रेन अयोध्या धाम से आनंद विहार के लिए चल पड़ी। प्लेटफार्म छोड़ने तक ट्रेन 50 किमी प्रति घंटे की गति पकड़ चुकी थी। अयोध्या कैंट पहुंचने पर इसे कुछ देर के लिए रोका गया।
जय श्रीराम के नारों से गूंज उठी बोगी
दोपहर 12:37 बजे जैसे ही अयोध्या कैंट से ट्रेन छूटी, स्कूली बच्चों वाली बोगी सी-4 और सी-5 जय श्रीराम के नारों से गूंज उठी। अवध इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा तृप्ति राय ने स्वरचित श्री रामनगरी अयोध्या भजन सुनाया तो पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। ट्रेन की गति के साथ ही जेबी अकादमी व जेजीआइसी के बच्चे हनुमान चालीसा का पाठ एक स्वर में पढ़ते गए।
मात्र छह से सात सेकंड में अयोध्या कैंट आउटर पहुंचने तक वंदे भारत एक्सप्रेस 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ चुकी थी। सोहावल आउटर पर 20 किमी पर पहुंची वंदे भारत प्लेटफार्म से गुजरने तक फिर से 100 किमी की गति से दौड़ने लगी। दोपहर 1.14 बजे रौजागांव, सफदरगंज से 1:45 बजे 27 किमी. प्रति घंटे की गति से होते हुए बाराबंकी दोपहर 2:04 बजे पार करते हुए यह ट्रेन मल्हौर से पहले एक जानवर से टकरा गई।
जानवर को ट्रैक से हटाकर ट्रेन को आठ मिनट बाद रवाना किया गया। वंदे भारत 2:49 बजे (2:37 घंटे में) अयोध्या धाम से लखनऊ पहुंची। चारबाग स्टेशन पर भाजपा नेता नीरज सिंह व पार्टी के महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी ने यात्रियों का स्वागत किया।
बच्चों का यादगार सफर
जेबी अकादमी की छात्रा अविका को यह यात्रा खूब पसंद आयी। भीतर से शांत माहौल के बीच हर सीट पर चार्जिंग प्वाइंट, रीडिंग लाइट, ट्रेन की स्पीड की डिटेल वाले मानीटर और तेज रफ्तार का सफर अविका को अच्छा लगा। इसी अकादमी की वैष्णवी ने कहा कि अयोध्या से दिल्ली के लिए ऐसी ही ट्रेन की जरूरत थी।
ट्रेन नहीं श्रीराम का रथ चलाया
अयोध्या धाम से कानपुर तक ट्रेन चलाने वाले सहायक लोको पायलट आशीष कुमार ने कहा कि पहली बार लगा कि ट्रेन नहीं प्रभु श्रीराम का रथ चला रहा हूं। यह मेरे लिए बहुत गौरवमयी पल है।

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