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    Ayodhya News: गर्भगृह में दो घंटे चलेगी प्राण प्रतिष्ठा की पूजा, निर्माणाधीन परिसर का नृपेंद्र मिश्र ने लिया जायजा

    By Praveen Tiwari Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Mon, 08 Jan 2024 06:30 AM (IST)

    22 जनवरी को मंदिर के गूढ़ व गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा का पूजन होगा। दो घंटे तक पूजा होगी। सिंह द्वार पर छह हजार कुर्सियां लगेंगी। एक भक्त को दर्शन करने में कुल 45 मिनट लगेंगे। दर्शन के लिए कुल 795 मीटर पैदल चलना होगा। परकोटा सहित साढ़े आठ एकड़ में निर्माण हो रहा है। प्रथम तल पर राम दरबार व द्वितीय खाली रहेगा जहां पर विशेष आयोजन होंगे।

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    22 जनवरी को मंदिर के गूढ़ व गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा का पूजन होगा

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। रविवार को मंदिर निर्माण समिति की बैठक हुई। इसके पहले समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने रामजन्मभूमि परिसर का भ्रमण कर निर्माण को देखा। 23 जनवरी से आम लोगों को रामलला का दर्शन मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने यजमान बनने के लिए अर्हताओं, अनुशासन के संदर्भ में जानकारी सुलभ कराने की इच्छा व्यक्त की है। पुरानी मूर्ति उत्सव मूर्ति के रूप में नवीन विग्रह के साथ गर्भगृह में प्रतिष्ठित की जाएगी।

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    31 दिसंबर तक 2024 में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा

    उन्होंने बताया कि 18 जनवरी को अचल व 21 को चल मूर्ति गर्भगृह में पहुंचायी जाएगी। कहा कि 22 जनवरी को मंदिर के गूढ़ व गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा का पूजन होगा। दो घंटे तक पूजा होगी। सिंह द्वार पर छह हजार कुर्सियां लगेंगी। एक भक्त को दर्शन करने में कुल 45 मिनट लगेंगे। दर्शन के लिए कुल 795 मीटर पैदल चलना होगा। परकोटा सहित साढ़े आठ एकड़ में निर्माण हो रहा है। प्रथम तल पर राम दरबार व द्वितीय खाली रहेगा, जहां पर विशेष आयोजन होंगे। 31 दिसंबर तक 2024 में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।

    केंद्र में तैयारियों को लेकर नाराजगी व्यक्त की

    इसके पहले उन्होंने यात्री सुविधा केंद्र में तैयारियों को लेकर नाराजगी व्यक्त की। कहा कि जल्द अधिकारी इन तैयारियों को पूर्ण करें। इसके लिए अब रात्रि में भी कार्य चलेगा। बताया कि मंदिर में चार गेट बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को बारिश व धूप से बचाने के लिए केनोपी निर्मित की जा रही है। यात्री सामग्री की जांच के लिए स्कैनर और इसे सुरक्षित रखने के लिए लाकर है।

    भक्त को 32 सीढियां चढ़नी होंगी

    बताया कि आखिरी सुरक्षा द्वार के बाद ही भक्तों को परकोटा के माध्यम से मंदिर में प्रवेश मिलेगा। भक्त को 32 सीढियां चढ़नी होंगी। बताया कि मंदिर निर्मित हो चुका है। सिंहद्वार पर गज, सिंह, हनुमान व गरुड़ की प्रतिमा आशीर्वाद की मुद्रा में है। श्रद्धालु सिंहद्वार से गूढ़ मंडप से होते हुए भगवान का दर्शन कर सकेंगे। अगले एक सप्ताह में श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करने की पूरी सुविधा होगी। हनुमानगढ़ी के पास भी भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था कर दी गई है। पुलिस बैरियर लगाए गए हैं।