दीपोत्सव जैसे भव्य आयोजन से अयोध्या को पर्यटक स्थलों में मिली नई पहचान, लोगों को आकर्षित करते हैं ये स्थान
राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या उत्तर प्रदेश का प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल बन गया है। जनवरी से मार्च 2025 तक 20.36 करोड़ पर्यटक आए। दीपोत्सव जैसे आयोजनों और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं ने इसे बढ़ावा दिया है। हनुमानगढ़ी और कनक भवन जैसे मंदिरों के साथ नया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और बेहतर सड़कें पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। तेजी से बढ़ी पर्यटकों की संख्या ने रामनगरी को प्रदेश में अग्रणी धार्मिक स्थल के रूप में नई पहचान दिला दी है। यह पहचान उसे राम मंदिर निर्माण के बाद मिली है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार जनवरी से मार्च 2025 तक 20.36 करोड़ पर्यटकों की आवक ने उसे यह स्थान प्रदेश में दिलाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव जैसे भव्य आयोजन कराकर उसे देश-विदेश में धार्मिक पर्यटन की नई पहचान दिलाई। केंद्र व प्रदेश सरकार की ढेर सारी परियोजनायें सुंदरीकरण की चल रही है।
नव्य अयोध्या जैसी आवासीय योजना के प्रति जिस तरह देश के अन्य प्रदेशों की दीवानगी दिखी, उसने प्रदेश के महत्व को रेखांकित किया। राम मंदिर के अलावा प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी, कनकभवन व नागेश्वरनाथ ऐसे प्रतिष्ठित मंदिर हैं जो अयोध्या की धार्मिकता में चार-चांद लगाते हैं।
सरयू तट पर रामकी पैड़ी, आरती स्थल, पांच सितारा होटल, नयाघाट से राजघाट उद्यान तक सरयू तट के सुंदरीकरण, रामपथ, धर्मपथ, भक्तिपथ व लक्ष्मण पथ, लतामंगेश्कर चौराहा, उसके पास धनुषबाण वाला फौव्वारा, आकर्षक रेलवे स्टेशन व महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ने उसे सीधे देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों से जोड़ा है। रामनगरी में ओवरब्रिजों की लंबी श्रृंखला से आवागमन सुगम हुआ है।
पर्यटकों की संख्या
- वित्तीय वर्ष 2023 में 5,75,70,896
- वित्तीय वर्ष 2024 में 16,44,19, 522
- वित्तीय वर्ष 2025 के जनवरी से मार्च तक 20.36 करोड़।
- तीर्थ स्थलों की लंबी श्रृंखला।
- गुलाबबाड़ी व बहू बेगम मकबरा जैसी ऐतिहासिक इमारतें।
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