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    Ram Mandir: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में अब बस एक दिन शेष, आज 114 कलशों के जल से कराया जाएगा मूर्ति को स्नान

    ट्रस्ट ने कहा कि रविवार को 114 कलशों के विभिन्न औषधीय जल से मूर्ति को स्नान कराया जाएगा। गवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हेतु सात दिवसीय अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इसी क्रम में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से दो दिन पूर्व यानी 20 जनवरी को पुष्पाधिवास शर्कराधिवास और फलाधिवास अनुष्ठान पूर्ण हो गए हैं। भगवान राम की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं।

    By Jagran News Edited By: Jeet KumarUpdated: Sun, 21 Jan 2024 06:29 AM (IST)
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    आज 114 कलशों के जल से कराया जाएगा मूर्ति का स्नान

    एएनआई, अयोध्या। भारतवर्ष के लिए 22 जनवरी का दिन बेहद मंगलकारी और भावुक कर देने वाला होगा, क्योंकि इस दिन अयोध्या के राम मंदिर में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इससे पहले पांच दिनों तक वैदिक अनुष्ठानों को किया गया। ट्रस्ट ने कहा कि रविवार को 114 कलशों के विभिन्न औषधीय जल से मूर्ति को स्नान कराया जाएगा।

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    भगवान श्रीराम की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा हेतु सात दिवसीय अनुष्ठान किए जा रहे हैं। इसी क्रम में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा से दो दिन पूर्व यानी 20 जनवरी को पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास और फलाधिवास किए गए। पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास और फलाधिवास के दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 20 जनवरी को सुबह 07 बजकर 14 मिनट से हो रहा है, जो 21 जनवरी की रात 03 बजकर 09 मिनट तक है। रवि योग में शुभ कार्य कर सकते हैं।

    पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास और फलाधिवास अनुष्ठान पूरे हुए

    इससे पहले 20 जनवरी 2024 को दैनिक पूजा-अर्चना, हवन आदि हुआ। साथ ही चीनी और फलों से अनुष्ठान भी हुआ। मंदिर के प्रांगण में 81 कलश स्थापित कर पूजा-अर्चना की गई। शाम को पूजा और आरती भी हुई। बता दें कि शुक्रवार को प्रसिद्ध मैसूरु के मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई श्री राम लला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह के अंदर रखा गया।

    भगवान राम की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल

    हालांकि प्राण प्रतिष्ठा से पहले ही भगवान राम की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए, श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि भगवान की आंखें कपड़े के पीछे छिपी हुई हैं क्योंकि उन्हें 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह से पहले किसी को नहीं दिखाया जा किया जा सकता है। हालाँकि, खुली आँखों वाली मूर्ति की कई कथित तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गईं।

    आचार्य सत्येंद्र दास ने कही ये

    आचार्य सत्येन्द्र दास ने एएनआई को बताया कि हमारी मान्यताओं के अनुसार, 'प्राण प्रतिष्ठा' के पूरा होने से पहले मूर्ति की आँखें प्रकट नहीं की जा सकतीं। अगर वायरल तस्वीरों में मूर्ति असली है, तो इसकी जांच होनी चाहिए कि किसने आंखें दिखाईं और तस्वीरें लीक कीं। उन्होंने कहा कि सभी प्रक्रियाएं और अनुष्ठान हमारे शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार आयोजित किए जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा होने तक रामलला की आंखें प्रकट नहीं की जाएंगी।