Ayodhya: रामलला के पुजारियों को दी जाएगी खास ट्रेनिंग, आवेदन करने वालों में योग्य पाए गए 20 प्रशिक्षु; आचार्यों की भी सूची तैयार
Ram Mandir Pran Pratishtha श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पुजारी पद पर आवेदन करने वालों को इस तरह प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है जिससे उनका समग्र विकास हो सके। इन दिनों इसके लिए गठित ट्रस्ट की उप समिति रूपरेखा बनाने में जुटी है। अभी तक आवेदकों की पांत से उन आचार्यों की खोज हो रही थी जिनकी अर्हता प्रशिक्षण के योग्य हो।

प्रवीण तिवारी, अयोध्या। Ram Mandir Pran Pratishtha: रामजन्मभूमि पर निर्मित हो रहे भव्य राम मंदिर की तरह ही रामलला की पूजा-अर्चना में तैनात होने वाले पुजारी भी यहां की परंपरा व पूजा पद्धति के वैश्विक नायक के रूप में होंगे।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पुजारी पद पर आवेदन करने वालों को इस तरह प्रशिक्षित करने की योजना बना रहा है जिससे उनका समग्र विकास हो सके। इन दिनों इसके लिए गठित ट्रस्ट की उप समिति रूपरेखा बनाने में जुटी है।
20 प्रशिक्षु योग्य पाए गए
अभी तक आवेदकों की पांत से उन आचार्यों की खोज हो रही थी, जिनकी अर्हता प्रशिक्षण के योग्य हो। यह कार्य लगभग पूरा हो गया है। कुल 20 आवेदनकर्ताओं को प्रशिक्षु के लिए योग्य पाया गया है। इन सभी को रामकोट में ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस स्थल की तलाश भी पूरी हो गई है, यह राम मंदिर के निकट है।
दिन में कई सत्रों को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिसमें उनके नित्याराधन, योग व्यायाम, पाठ्यचर्या अभ्यास के अलावा नित्य एक विशेष सत्र आयोजन करने की योजना है, जिससे प्रशिक्षुओं का चेतना के स्तर पर भी विकास हो सके। प्रशिक्षण के लिए आचार्यों की सूची भी तैयार है। इसमें मुख्य आचार्य अयोध्या के ही होंगे।
प्रशिक्षण के लिए तीन हजार आचार्यों ने किया था आवेदन
समय-समय पर इन प्रशिक्षुओं को विभिन्न आयामों जैसे भाषा, संवाद, संपूर्ण पूजा पद्धति आदि में कुशल बनाने के लिए देश के नामचीन विशेषज्ञों से भी प्रशिक्षित कराया जाएगा। प्रशिक्षण के लिए तीन हजार आचार्यों ने आवेदन किया था।
पहले चरण में 250 आवेदकों काे शार्ट लिस्ट किया गया। अब इसमें से 20 को चुना गया है, जिनका प्रशिक्षण इसी माह प्रारंभ होगा। प्रशिक्षण की अवधि छह माह की होगी। इस प्रशिक्षण के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के आचार्यों ने आवेदन किया था। उप समिति के सदस्यों ने इस सभी के व्यावहारिक पक्ष व आचार्य होने की दक्षता को परखा।
रामलला की पूजा के योग्य बनेंगे प्रशिक्षु
प्रशिक्षु पुजारियों की दिनचर्या पूर्ण नियोजित होगी। सुबह ध्यान, योग, जप, आदि का समय भी नियत होगा। प्रशिक्षण में रामलला का सुबह जागरण कराने से लेकर रात्रि शयन तक का पूरा विधान इन प्रशिक्षुओं को बताया जाएगा। इस उप समिति के सदस्य हनुमत निवास के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद परीक्षा के आधार पर पुजारियों का चयन किया जाएगा।
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