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    Ayodhya News: नगर निगम में सोलर लाइट का ठेका दिलाने के नाम पर 47 लाख की ठगी, तीन पर मुकदमा दर्ज

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 11:12 AM (IST)

    अयोध्या नगर निगम में सोलर लाइट का ठेका दिलाने के नाम पर तीन लोगों ने मिलकर 47 लाख रुपये की ठगी की। आरोपियों ने कूटरचित अभिलेख और फर्जी ईमेल का इस्तेमाल किया। महापौर के निर्देश पर पुलिस ने मामला दर्ज कर एक आरोपी को हिरासत में ले लिया है। पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उसे टेंडर में पार्टनर बनाने का झांसा देकर पैसे लिए थे।

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    नगर निगम में सोलर लाइट का ठेका दिलाने के नाम पर 47 लाख रुपये ठगे

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। नगर निगम में सोलर लाइट का ठेका दिलाने के नाम पर तीन लोगों ने मिल कर 47 लाख रुपये ठग लिए। ठगी के लिए ठेके से संबंधित नगर निगम के कूटरचित अभिलेख एवं फर्जी ईमेल का भी सहारा लिया गया।

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    संदेह होने पर धनराशि लगाने वाले व्यक्ति ने इसकी पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी तक शिकायत पहुंचने के बाद उन्होंने पुलिस को प्रभावी कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके बाद कोतवाली अयोध्या में तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया गया।

    नामजद लोगों में देवकाली निवासी रिंकू मौर्य, राठहवेली निवासी आरिफ आब्दी व गोंडा निवासी सुभाष सिंह है। आरोपितों में आरिफ ने स्वयं को मेयर का करीबी बताकर झांसे में लिया था। आरिफ को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

    अयोध्याधाम में प्रमोदवन रामजानकी मुहल्ला निवासी देवनारायण त्रिपाठी की ओर से कोतवाली अयोध्या में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। प्राथमिकी में उन्होंने उल्लेख किया है कि आरोपित सुभाष सिंह उनके पुत्र अभिनव का पूर्व परिचित है। देवकाली स्थित देवांश हास्पिटल का संचालन उनका बड़ा बेटा करता है। छोटा पुत्र बेरोजगार है। गत वर्ष नवंबर में सुभाष, रिंकू और आरिफ उनके हास्पिटल पहुंचे।

    सुभाष ने बताया कि आरिफ की अधिकारियों और कर्मचारियों से अच्छी पहचान है। वह सोलर लाइट लगवाने एवं कूड़ा उठाने जैसे तमाम ठेके दिलवाते हैं। तीनों ने देवनारायण को कई टेंडर फार्म एवं सरकारी अधिकारियों तथा राजनीतिक लोगों के साथ फोटो दिखा कर झांसे में लिया।

    आरिफ ने कहा कि सोलर लाइट का टेंडर निकला हुआ है, जो 13 करोड़ 65 लाख रुपये का है और वह उसे भरने जा रहा है, जिसमें देवनारायण को पार्टनर बनाने का प्रस्ताव दिया। बेटे को रोजगार दिलाने के लिए चिंतित देवनारायण इनके झांसे में आ गए। उन्होंने विभिन्न किस्तों में 47 लाख रुपये आनलाइन ट्रांसफर किये।

    आरोप है कि टेंडर के बारे में पूछने पर आरिफ ने एक फर्जी ईमेल से कूटरचित वर्क आर्डर मेल किया। वर्क आर्डर पर अधिकारी के हस्ताक्षर न होने पर आपत्ति की गई, तो आरिफ ने एक हार्डकापी दिखाई, जिस पर अधिकारियों के हस्ताक्षर थे, लेकिन वह काफी उसने दी नहीं।

    ठेके के अंतर्गत कार्य कहां चल रहा है इस बारे में पूछने पर भी संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। इसके बाद देवनारायण से अपने स्तर से पता किया तो ज्ञात हुआ कि ऐसा कोई टेंडर नगर निगम से नहीं निकला है।

    इसके बाद विपक्षी उन्हें जान से मारने की धमकी देने लगे। कोतवाल अयोध्या मनोज शर्मा ने बताया कि आरिफ को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।