Dr Ramvilas Das Vedanti: अयाेध्या के राम मंदिर आंदोलन के अहम किरदार में रहे डॉ रामविलास दास वेदांती का निधन
Saint Dr RamVilas Das Vedanti: अयाेध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के प्रमुख आरोपियों में भी पूर्व सांसद वेदांती का नाम शामिल था। सीएम योगी आदित्यनाथ क ...और पढ़ें

पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती का साेमवार काे साकेतवास
जागरण संवाददाता, अयोध्या। राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व सांसद डॉ रामविलास दास वेदांती का साेमवार काे साकेतवास हो गया है।
रीवा मध्य प्रदेश में एक कथा महोत्सव के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका निधन हो गया। 77 वर्षीय रामविलास दास वेदांती का मंदिर आंदोलन में अहम योगदान रहा है। डॉ रामविलास दास वेदांती दस दिसंबर को दिल्ली से मध्य प्रदेश के रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। बीमार पड़ने के बाद पिछले दो दिनों से उनका वहीं इलाज चल रहा था। आज सुबह दिल्ली ले जाने के लिए एयर एंबुलेंस पहुंची, लेकिन कोहरे के कारण लैंड नहीं हो पाई।
अयाेध्या में विवादित ढांचा विध्वंस के प्रमुख आरोपियों में भी पूर्व सांसद वेदांती का नाम शामिल था। सीएम योगी आदित्यनाथ के गुरु महंत अवेद्य नाथ एवं रामचंद्र दास परमहंस के साथ-साथ रामविलास दास मेदंती 90 के दशक में मंदिर आंदोलन के अग्रणी किरदार थे। वह 1996 व 1998 में दो बार सांसद भी रहे हैं। उनका शव देर शाम तक अयोध्या पहुंचेगा। उनके शिष्य शिवम उत्तराधिकारी डॉ राघवेशदास के अनुसार मंगलवार की सुबह 10:00 बजे उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी । अंतिम यात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भी शामिल होने की संभावना है।
हनुमानगढ़ी के महंत तथा राम मंदिर उद्धारक महंत अभिराम दास के शिष्य रामविलास दास वेदांती हिंदू धाम नयाघाट में निवास करते थे। उनका वशिष्ठ भवन नामक आश्रम भी है। उन्होंने रामलला और हनुमानगढ़ी के सामने कई दशकों तक रामकथा का वाचन किया। वे संस्कृत के प्रख्यात विद्वान भी थे। रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य रहे वेदांती भाजपा के टिकट पर सांसद भी चुने गए थे। रामकथा के प्रसिद्ध व्याख्याता डॉ. रामविलास वेदांती के साकेतवास (निधन) की जानकारी उनके उत्तराधिकारी महंत राघवेश दास वेदांती ने दी। उन्होंने बताया कि महाराज जी का पार्थिव शरीर आज अयोध्या लाया जा रहा है।
राम मंदिर आंदोलन में डॉ. वेदांती की अहम भूमिका
राम मंदिर आंदोलन में डॉ. रामविलास दास वेदांती की अहम भूमिका थी। अयोध्या में छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस केस में जिन नेताओं पर मुकदमा चला उनमें डॉ. वेदांती भी शामिल थे। सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए डॉ. वेदांती सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। फैसले से पहले कोर्ट में दर्ज कराए अपने बयान में डॉ. रामविलास वेदांती ने कहा था हमने किसी मस्जिद को नहीं बल्कि मंदिर के खंडहर को तोड़ा था। वहां केवल और केवल मंदिर था जिसे राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था।
राम मंदिर जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष
डॉ. रामविलास दास वेदांती का जन्म रीवा के गुढ़वा गांव में 7 अक्टूबर 1958 को हुआ था। वे 12 वीं लोकसभा में यूपी के प्रतापगढ़ से बीजेपी के सांसद चुने गए थे। इससे पहले वर्ष 1996 में मछली शहर सीट से भी सांसद रहे। श्रीराम मंदिर आंदोलन को धार देने के कारण उन्हें राम मंदिर जन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।