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    अविवि के विद्यार्थी अब पढ़ेंगे सुंदरकांड, बीए के पाठ्यक्रम का बना हिस्सा; हिंदी के छात्र करेंगे डिजिटल पत्रकारिता की पढ़ाई

    Ram Manohar Avadh University Ayodhya Launch New Courses डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में अभी तक अलग-अलग कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में गोस्वामी तुलसीदास कृत गीतावली विनय-पत्रिका कृष्ण-गीतावली बरवै रामायण दोहावली और कवितावली के दोहे चौपाइयां पढ़ाई की जाती रहीं। यह पहला अवसर है जब सुंदरकांड को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया।

    By Praveen Tiwari Edited By: Dharmendra Pandey Updated: Thu, 19 Jun 2025 07:41 PM (IST)
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    अविवि अयोध्या के विद्यार्थी अब पढ़ेंगे सुंदरकांड

    प्रवीण तिवारी, जागरण अयोध्या : डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में अब रामचरित मानस के सुंदरकांड की चौपाइयां भी पढ़ाई जायेंगी। विद्यार्थी सुंदरकांड का पारायण करने के साथ ही इन चौपाइयों पर मनन, चिंतन व इसका अनुशीलन कर इसकी व्याख्या भी करते नजर आयेंगे।

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    राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दरअसल बीए चतुर्थ वर्ष का पाठ्यक्रम निर्धारित किया गया है। इसके हिंदी विषय की बोर्ड आफ स्टडी की बैठक में इस तैयार नये पाठ्यक्रम को अनुमोदित भी कर दिया गया है। बीए चतुर्थ वर्ष में अवधी : सृजन एवं विचार देश देशांतर प्रश्नपत्र के अंतर्गत श्रीरामचरितमानस का सुंदरकांड शामिल किया गया है।

    कक्षा के इसी प्रश्नपत्र में गुरु गोरखनाथ सृजित कविताओं का संग्रह भी शामिल हुआ है। इसके अतिरिक्त आधुनिक अवधी कवियों का काव्य भी शामिल हुआ है। पहली बार अवध विश्वविद्यालय में अवधी गद्य को पाठ्यक्रम में स्थान दिया गया है। अवधी कहानी भी विस्तार से पढ़ी जायेंगी।

    यहां पर अभी तक अलग-अलग कक्षाओं के पाठ्यक्रमों में गोस्वामी तुलसीदास कृत गीतावली, विनय-पत्रिका, कृष्ण-गीतावली, बरवै रामायण, दोहावली और कवितावली के दोहे, चौपाइयां पढ़ाई की जाती रहीं। यह पहला अवसर है जब सुंदरकांड को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया। हिंदी विषय के बोर्ड आफ स्टडी के समन्वयक व एलबीएस गोंडा के आचार्य प्रो. शैलेंद्र कुमार मिश्र ने बताया कि बीए चतुर्थ \ एमए प्रथम वर्ष का नया पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। इसी में सुंदरकांड को शामिल किया गया है।

    उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बीए यदि प्रथम वर्ष उत्तीर्ण कर विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ता है तो उसे सर्टिफिकेट, दो वर्ष बाद पढ़ाई छोड़ता है तो डिप्लोमा, तीन वर्ष की पढ़ाई पूरी करता तो डिग्री की उपाधि मिलेगी। यह वह चार वर्ष बाद पढ़ाई छोड़ता है तो उसे डिग्री विथ रिसर्च की उपाधि दी जायेगी, इसे एमए प्रथम वर्ष की मान्यता दी गई है। इसके बाद एक वर्ष में ही विद्यार्थी परास्नातक की पढ़ाई पूर्ण कर सकेगा।

    हिंदी के छात्र करेंगे डिजिटल पत्रकारिता की पढ़ाई

    अवध विश्वविद्यालय के बीए के पाठ्यक्रम में पहली बार डिजिटल हिंदी पत्रकारिता को शामिल किया गया है। इसे प्रयोगिक पाठ्यक्रम का दर्जा मिला है। यह प्रश्नपत्र अवध विश्वविद्यालय में पहली बार लागू है। इसके साथ ही साहित्यिक पर्यटन, साहित्यिक अनुवाद, शोध पत्र, संगोष्ठी प्रतिभागिता, भाषा- साहित्य- सर्वेक्षण, कार्यशाला प्रतिभागिता, वाचिक संप्रेषण, सृजनात्मक लेखन, साहित्य संकलन संपादन, न्यूज़ रिपोर्टिंग, आकाशवाणी प्रस्तुति, टेलीविजन प्रस्तुति एवं विभागीय प्रशिक्षण को सम्मिलित किया है।