Ayodhya News: सदियों तक अपनी गरिमा से वंचित रही रामनगरी, राम मंदिर के साथ निर्मित हो रही श्रेष्ठतम नगरी
मंदिर निर्माण शुरू होने से पूर्व तक कस्बा प्रतीत होने वाली रामनगरी आज महानगरीय प्रतीत हो रही है और अयोध्या भव्य राम मंदिर के साथ श्रेष्ठतम नगरी का भी निर्माण हो रहा है। रामनगरी का यह बदलाव राम मंदिर निर्माण की तरह चिर प्रतीक्षित रहा है। शास्त्रों में सात मोक्षदायिनी पुरियों का उल्लेख किया गया है और इसमें अयोध्या को शीर्ष पर रखा गया है।

रघुवरशरण, अयोध्या। अयोध्या भव्य राम मंदिर के साथ श्रेष्ठतम नगरी का भी निर्माण हो रहा है। मंदिर निर्माण शुरू होने से पूर्व तक कस्बा प्रतीत होने वाली रामनगरी आज महानगरीय प्रतीत हो रही है। रामनगरी का यह बदलाव राम मंदिर निर्माण की तरह चिर प्रतीक्षित रहा है। शास्त्रों में सात मोक्षदायिनी पुरियों का उल्लेख किया गया है और इसमें अयोध्या को शीर्ष पर रखा गया है।
शेष छह पुरियों में मथुरा, हरिद्वार, काशी, कांची, उज्जैन एवं द्वारिका को शामिल किया गया है। तथापि रामनगरी सदियों तक अपनी गरिमा से वंचित रही। धार्मिक-आध्यात्मिक महत्ता के साथ रामनगरी अपने मौलिक स्वरूप में भौतिक समृद्धि की भी पर्याय रही है। सूर्यवंश के यशस्वी राजाओं से सेवित-संरक्षित अयोध्या कालांतर में भारतीय लोककथाओं के नायक महाराज विक्रमादित्य से लेकर प्रतापी गुप्तवंशीय नरेशों के समय श्री-समृद्धि से विभूषित होती रही।
अयोध्या सदियों बाद पुनर्प्रतिष्ठित हो रही
सृष्टि के आरंभ से ही अस्तित्व में आने वाली अयोध्या इसी विरासत के अनुरूप सदियों बाद पुनर्प्रतिष्ठित हो रही है और इस आरोह के प्रधान प्रेरक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके हनुमान की भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का समीकरण अयोध्या का उद्धार करने वाले शासकों की इसी श्रृंखला से स्थापित किया जा रहा है। सोमवार को प्रधानमंत्री जिस महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरेंगे, वह स्वयं में रामनगरी की स्वर्णिम संभावनाओं की परिचायक है।
तीन हजार करोड़ की लागत से निर्मित इस एयरपोर्ट का 22 दिन पूर्व प्रधानमंत्री ने ही उद्घाटन किया है। एयरपोर्ट से प्रधानमंत्री जिस विशेष मार्ग से रामजन्मभूमि परिसर तक पहुंचेंगे, वह भी रामनगरी के आरोह का प्रतीक है। दो किलोमीटर लंबा यह मार्ग दो सौ करोड़ की लागत से निर्मित किया गया है। इस पर एक उपरिगामी सेतु भी निर्मित है। रामनगरी में ऐसे छह और उपरिगामी सेतु का निर्माण चल रहा है।
अयोध्या रेलवे स्टेशन से बदलाव प्रशस्त
अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन से भी बदलाव प्रशस्त होता है। जिस स्टेशन के अति साधारण होने की चिर शिकायत थी, वह कुछ ही वर्षों में और 240 करोड़ की लागत से वैश्विक स्तर के साज-सज्जा से युक्त हो चला है। रामनगरी के स्वर्णिम बदलाव में पुण्यसलिला सरयू भी सहायक हो रही है। सरयू की ओर से रामनगरी में प्रवेश के साथ रामकीपैड़ी और लता मंगेशकर चौराहा से ही व्यक्त होता है कि अयोध्या के अच्छे ही नहीं स्वर्णिम दिन भी आ गए।
दृष्टिकोण प्रपत्र 2047 प्रस्तावित
दृष्टिकोण प्रपत्र 2047 रामनगरी को उच्चीकृत करने के लिए व्यापक शोध और परिष्कार के साथ दृष्टिकोण प्रपत्र 2047 प्रस्तावित है। इसके अनुसार 2047 तक रामनगरी देश की ही नहीं, दुनिया की शीर्ष तीर्थ नगरी होगी।
इस प्रपत्र को मंदिर निर्माण के साथ यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुविधा एवं स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। प्रधानमंत्री ने स्वयं इसकी समीक्षा की और उनकी स्वीकृत के बाद ही इस पर क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसमें मूलभूत सुविधाओं के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप पर जोर दिया गया है।
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