UP News: अयोध्या में रामायण विश्वविद्यालय में इसी वर्ष शुरू होगी पढ़ाई, उच्च शिक्षा के तीन प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय खोलने की मंजूरी दी है जिससे शिक्षा सत्र जल्द शुरू होगा। गाजियाबाद के अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज को निजी विश्वविद्यालय का दर्जा मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के भवन निर्माण को भी स्वीकृति मिली। सरकार निजी विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अयोध्या में महर्षि महेश योगी रामायण विश्वविद्यालय शुरू करने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल गई है। इसके लिए ''लेटर आफ परमिशन'' (एलओपी) जारी किया गया है, जिससे जल्द ही विश्वविद्यालय का शैक्षणिक सत्र की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
वहीं, गाजियाबाद स्थित अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कालेज को निजी विश्वविद्यालय का दर्जा देने के लिए ''लेटर ऑफ इंटेंट'' (एलओआई) जारी किया गया है। यह विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 के तहत स्थापित होगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी।
इसके अलावा, सिद्धार्थनगर जिले में स्थित सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु के भवन निर्माण के लिए पुनरीक्षित प्रायोजना प्रस्ताव को भी कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई है। इससे विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे को और मजबूत किया जाएगा, जिससे छात्रों को बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल सकेगा।
अयोध्या जैसे सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले शहर में निजी विश्वविद्यालय की स्थापना शिक्षा और सांस्कृतिक जागरूकता दोनों के लिहाज से अहम मानी जा रही है। उधर, डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (एकेटीयू) से संबद्ध अजय कुमार गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज, अब एक स्वतंत्र निजी विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होगा।
इससे गाजियाबाद और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के छात्रों को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में अधिक विकल्प और गुणवत्ता युक्त संसाधन उपलब्ध होंगे। यह निर्णय न केवल क्षेत्रीय छात्रों को लाभ देगा, बल्कि उच्च शिक्षा के स्तर को भी ऊंचा उठाएगा।
इस साल के अंत तक प्रदेश में होंगे 50 निजी विश्वविद्यालय
वर्तमान में प्रदेश में 47 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिनमें लगभग 2.70 लाख छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। अब नई मंजूरियों और प्रस्तावित संस्थानों के चलते यह संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है।
इस वर्ष के अंत तक निजी विश्वविद्यालयों की संख्या 50 तक पहुंच सकती है। राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम-2019 (अंब्रेला एक्ट) के तहत नियमों को सरल बनाए जाने से निजी क्षेत्र में विश्वविद्यालयों की स्थापना आसान हो गई है। इस अधिनियम के अंतर्गत, शहरी क्षेत्रों में कम से कम 20 एकड़ और ग्रामीण क्षेत्रों में 50 एकड़ भूमि की अनिवार्यता तय की गई है।
साथ ही, सिक्योरिटी राशि को 10 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ रुपये कर देने से निवेशकों को बड़ी राहत मिली है। इन नीतिगत सुधारों का असर यह है कि अब निजी क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिससे प्रदेश में उच्च शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता, दोनों में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।
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