Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ayodhya News: जीवन कारक द्रव्यों में दो-दो घंटे व्यतीत करेंगे रामलला, चार दिन में संपन्न होगा प्रतिमा का अधिवास संस्कार

    By Jagran News Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 14 Jan 2024 06:30 AM (IST)

    प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रामलला की प्रतिमा का अधिवास संस्कार कराया जाएगा। वाराणसी के आचार्यों ने इसका पूरा प्रारूप तय कर लिया है। एक दिन में दो पालियों में प्रतिमा का अधिवास होगा। अंतिम दिन रात्रि में शय्याधिवास संस्कार होगा। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व रामलला की प्रतिमा के अधिवास का क्रम 18 जनवरी से प्रारंभ होगा।

    Hero Image
    जीवन कारक द्रव्यों में दो-दो घंटे व्यतीत करेंगे रामलला

    प्रवीण तिवारी, अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान रामलला की प्रतिमा का अधिवास संस्कार कराया जाएगा। वाराणसी के आचार्यों ने इसका पूरा प्रारूप तय कर लिया है। एक दिन में दो पालियों में प्रतिमा का अधिवास होगा। अंतिम दिन रात्रि में शय्याधिवास संस्कार होगा। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व रामलला की प्रतिमा के अधिवास का क्रम 18 जनवरी से प्रारंभ होगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस दौरान जीवन कारक द्रव्यों में प्रतिमा को विराजित किया जाना है। इसमें कुल चार दिन लगेंगे। अधिवास के साथ इससे संबंधित वैदिक मंत्रों का वाचन भी होगा। प्रत्येक दिन एक द्रव्य में रामलला की प्रतिमा को कम से कम दो घंटे तक रखा जाएगा। पूजन कार्यक्रम के अनुसार, 18 जनवरी को प्रतिमा का जलाधिवास व गंधाधिवास होगा। 19 को औषधिवास, केसराधिवास तथा 20 को घृत व धान्याधिवास संस्कार संपन्न होंगे।

    प्रतिमा का शय्याधिवास संस्कार कराया जाएगा

    21 जनवरी को पहली पाली में शर्कराधिवास व फलाधिवास होगा और दूसरी पाली में पुष्पाधिवास कराया जाएगा। इसी दिन रात्रि में प्रतिमा का शय्याधिवास संस्कार कराया जाएगा। इसमें दो प्रतिमाओं का उपयोग होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दोनों ही प्रतिमाएं तैयार करा ली हैं। एक प्रतिमा शिला की और दूसरी रजत धातु की गढ़ी जा चुकी है। रजत की प्रतिमा आकार में छोटी है, जिसका संपूर्ण संस्कार यज्ञ मंडप में होगा।

    पूरे विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न किया जाएगा

    शिला से निर्मित बड़ी प्रतिमा का अधिवास संस्कार व अन्य पूजन गर्भगृह में ही होगा। एक साथ दोनों ही प्रतिमाओं का पूजन चलेगा। दोनों ही जगहों पर आचार्यों की अलग-अलग टोलियां पूजन संपन्न कराएंगी। वाराणसी से आए आचार्य अरुण दीक्षित ने बताया कि पूरे विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान संपन्न किया जाएगा।

    कमल व गुलाब के मध्य विराजेंगे रामलला

    रामलला की प्रतिमा के अधिवास संस्कार में पुष्पाधिवास व फलाधिवास भी होगा। पुष्पाधिवास में प्रतिमा को कमल व गुलाब के सुगंधित पुष्पों के बीच रखा जाएगा। इनके पुष्पों का ही प्रयोग होगा, जबकि फलाधिवास में पांच प्रकार के फलों का उपयोग किया जाएगा।