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    राम मंद‍िर ध्वजारोहण: अनुष्ठान करा रहे आचार्य बोले, 'मोदी के त्याग, तप से वैश्विक फलक पर चमक रहा सनातन'

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 02:34 PM (IST)

    आराध्य के नव्य मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण की तैयारी के बीच भक्तजन भक्तिभाव में रम गए हैं। राम मंदिर परिसर में चल रहे अनुष्ठान से समूची नगरी आह्लादित है। पांच दिनी अनुष्ठान को संपादित करा रहे विद्वान भी ध्वजारोहण को लेकर खुश व भावविभोर हैं। आचार्यों ने विगत पांच वर्षों में बदली अयोध्या व राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार भी ज्ञापित किया है।

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    जागरण संवाददाता, अयोध्या। Ram Mandir Flag Hoisting: आराध्य के नव्य मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण की तैयारी के बीच भक्तजन भक्तिभाव में रम गए हैं। राम मंदिर परिसर में चल रहे अनुष्ठान से समूची नगरी आह्लादित है। पांच दिनी अनुष्ठान को संपादित करा रहे विद्वान भी ध्वजारोहण को लेकर खुश व भावविभोर हैं। आचार्यों ने विगत पांच वर्षों में बदली अयोध्या व राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार भी ज्ञापित किया है। उनका कहना है कि अयोध्या का वर्तमान स्वरूप प्रधानमंत्री मोदी की सनातन धर्म के प्रति अटूट निष्ठा और संकल्प का प्रतिफल है।

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    गुजरात के श्रीविश्वनाथ वेदपाठशाला के प्राचार्य आचार्य विजय महेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को इसका श्रेय जाता है। ध्वजारोहण सनातन धर्म के पुनरुत्थान का परिचायक है। प्रधानमंत्री ने सनातन धर्म की चेतना का पुनर्जागरण कर दिया है। राम मंदिर पांच सौ वर्ष में नहीं बन पाया, लेकिन पीएम के नेतृत्व में सनातन धर्मावलंबियों का स्वप्न साकार हुआ। इसी कारण वह लोगों के मन में हैं।

    आचार्य सागर राजेंद्र शर्मा ने भी कुछ इसी तरह के भाव व्यक्त किए। कहा कि आज की भव्य व नवनिर्मित अयोध्या पीएम का जगत को उपहार है। उन्होंने याद दिलाया कि दस साल पहले अयोध्या की स्थिति दयनीय थी, टूटी सड़कें, सुविधाओं का अभाव ही इसकी पहचान थी, लेकिन अब हम नव्य अयोध्या में हैं। यह हर किसी को भा रही है तो इसका कारण मोदी ही हैं।

    बताते हैं कि पीएम ने शिलान्यास, भूमिपूजन, प्राण प्रतिष्ठा और अब ध्वजारोहण, हर अनुष्ठान समर्पण व भक्ति भाव से निभाया है। प्राण प्रतिष्ठा को ही लीजिए 11 दिन व्रत रखा। डा. गजानन ज्योत्कार ने प्रधानमंत्री मोदी को सिद्ध योगी बताया। कहा आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में पारी शुरू करने वाले मोदी के समक्ष भी कई लोग शंका कर रहे थे कि मंदिर बनेगा या नहीं, तब उन्होंने दृढ़ संकल्प किया व राम जन्मस्थान पर मंदिर बना।

    अयोध्या को वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र में बदला। हाई-स्पीड रेल, आधुनिक सड़कें, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, मेडिकल कॉलेज उनके ही संकल्प का हिस्सा है। 74 एकड़ का मंदिर परिसर और अयोध्या का अपूर्व विकास उनकी रामभक्ति का परिचायक है।