Ram Mandir: 40-50 करोड़ से राम मंदिर परिसर के चारों तरफ बनेगी बाउंड्री, इसी माह निर्माण होगा शुरू
अयोध्या में राम मंदिर की चार किलोमीटर लंबी बाउंड्रीवाल का निर्माण इसी महीने के अंत तक शुरू हो सकता है। जिसके निर्माण में लगभग 18 महीने का समय लगेगा और 40-50 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि मंदिर परिसर में 20 एकड़ की वाटिका विकसित की जा रही है जहाँ श्रद्धालु ध्यान कर सकेंगे।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। राम मंदिर की चार किलोमीटर लंबी बाउंड्रीवाल का निर्माण इसी महीने के अंत तक शुरू हो सकता है। इसका निर्माण पूर्ण होने में 18 माह का समय लग सकता है और इसके निर्माण में 40-50 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने दी।
उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण समिति की रविवार से ही शुरू हो रही दो दिवसीय बैठक में बाउंड्रीवाल के निर्माण की कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस बीच उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर और उसके परिसर का पूरक निर्माण पूर्णता की ओर है और मंदिर निर्माण समिति उसी तरह पूरा जोर लगा रही है, जिस तरह कोई धावक लक्ष्य निकट आने के साथ पूरा जोर लगा देता है।
मिश्र ने बताया कि आंतरिक परिक्षेत्र में निर्माण से जुड़े क्रेन तथा अन्य वाहनों के आवागमन के चलते आठ सौ मीटर लंबे परकोटा के करीब 15 प्रतिशत प्रभाग का निर्माण रुका हुआ था, किंतु आंतरिक प्रक्षेत्र का निर्माण पूरा होने से अब परकोटा के बाकी बचे हिस्से का भी निर्माण शुरू हो गया है और अगले दो माह में परकोटा का निर्माण पूरा हो जाएगा।
व्यापक निर्माण के चलते रामजन्मभूमि परिसर बड़ी संख्या में खाली कंटेनर, शिलाखंड, डिब्बे आदि के कबाड़ से भी पटा हुआ है और अब इसके निस्तारण का भी काम शुरू होने को है। मंदिर निर्माण को अंतिम स्पर्श दिए जाने की प्रक्रिया को पूरी तरह समाप्त किए जाने से पूर्व परकोटा की दीवार तथा मंदिर की लोअर प्लिंथ पर रामकथा से जुड़े प्रसंगों को अंकित किया जाना है और इस अभियान का भी 90 प्रतिशत काम पूरा हो गया है।
मंदिर की वाटिका में आते ही होंगे ध्यानस्थ
मंदिर निर्माण समिति रामजन्मभूमि परिसर के 20 एकड़ के प्रक्षेत्र में विकसित की जा रही वाटिका पर भी ध्यान केंद्रित किए हुए है। नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि वाटिका को इस उद्देश्य से निर्मित किया जा रहा है कि यहां आने वाले ध्यान कर सकें और आसानी से ध्यानस्थ हो सकें।
विशेष प्रकाश के स्वरूप की दुविधा दूर हुई
मंदिर के कार्य को अंतिम स्पर्श दिए जाने की प्रक्रिया के तहत मंदिर को विशेष प्रकाश से आलोकित किए जाने की भी योजना पर काम चल रहा है। गत कुछ दिनों से इसके स्वरूप को लेकर कायम दुविधा को अब दूर कर लिया गया है और इसी माह के मध्य तक इसका कांट्रैक्ट एक सक्षम कंपनी को दिए जाने की योजना को अंतिम रूप दिया गया है।
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