अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी है राम मंदिर, 2019 से अब तक रिकॉर्ड पर पहुंची अयोध्या की टूरिज्म इकोनॉमी
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी बन गया है। 2019 के बाद से अयोध्या की पर्यटन अर्थव्यवस्था में भारी वृद्धि हुई है, जिससे होटल, रेस्तरां और स्थानीय व्यवसायों को लाभ हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यटन में कई गुना वृद्धि हुई है, जिससे अयोध्या की अर्थव्यवस्था को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिला है।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। राम मंदिर निर्माण से अर्थव्यवस्था की तस्वीर भी बदल रही है। मंदिर निर्माण के साथ इतिहास परिमार्जित हुआ है तो बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आगमन से नगरी की आर्थिक सेहत भी सुधर रही है।
मात्र इसी वर्ष जनवरी से जून माह तक 23 करोड़ 82 लाख से अधिक श्रद्धालु और पर्यटक अयोध्या आ चुके हैं, जो रामनगरी में पर्यटन के नए द्वार खोल रहे हैं, जबकि 2023 में यह आंकड़ा लगभग पांच करोड़ 75 लाख था।
अयोध्या के साथ आसपास के जिलों के लोगों के लिए भी व्यवसाय के अवसर बढ़े हैं। पर्यटकों के आने से होटल इंडस्ट्री को खासा लाभ पहुंचा तो दूसरी ओर रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। रामनगरी में विविध क्षेत्रों की कंपनियों की निवेश की मंशा इससे भी समझी जा सकती है कि वर्ष 2023 में जिले में हुई पहली इन्वेस्टर्स समिट में 33 हजार करोड़ रुपए के निवेश के एमओयू हुए थे।
इनमें होटल व वाटर पार्क निर्माण व शीतल पेय निर्माता अमृत बाटलर्स के विस्तारीकरण आदि पर सहमति बनी थी। इसमें अमृत बाटलर्स का विस्तारीकरण हो भी चुका है, जबकि रामायण, रायल हेरीटेज, रेडिसन जैसे होटल बन चुके हैं। वहीं ताज व ओबेराय ग्रुप के होटल निर्माणाधीन हैं।
रामनगरी बड़े ब्रांड्स के केंद्र के तौर पर भी स्थापित हो रही है। यहां पिज्जा हट, डामिनोज, करी लीफ, पैंटालून जैसे बड़े ब्रांडों के आउटलेट खुल चुके हैं। राममंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में रियल स्टेट के कारोबार ने भी गति पकड़ी है। इसके साथ ही ग्रीन फील्ड टाउनशिप का निर्माण आरंभ हो चुका है।
राम मंदिर निर्माण का फायदा सिर्फ इंडस्ट्रीज को ही नहीं, बल्कि छोटे व्यवसायियों को भी हुआ। अयोध्या में प्रतिदिन औसतन 80 हजार से एक लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, जो रामलला के दर्शन के साथ कनक भवन, हनुमानगढ़ी, नागेश्वरनाथ, क्षीरेश्वरनाथ आदि मंदिरों में भी जाते हैं। हनुमानगढ़ी के निकट प्रसाद विक्रेता एवं व्यापारी नेता श्यामबाबू बताते हैं कि राममंदिर निर्माण के बाद प्रसाद की बिक्री दोगुणी हो चुकी है।
वह कहते हैं कि राममंदिर निर्माण से पूर्व प्रतिदिन प्रसाद की बिक्री करीब दो से तीन हजार के बीच रहती थी, जबकि वर्तमान समय में प्रतिदिन सात से आठ हजार रुपये के प्रसाद की बिक्री हो जाती है।
2019 में भूमि पूजन के बाद से अब तक अयोध्या में करीब दो हजार होम स्टे खुल चुके हैं, जिससे लोगों को नित्य अच्छी आय हो रही है। यहां गोंडा, बस्ती, सुलतानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी आदि जिलों के लोग भी व्यवसाय के लिए आ रहे हैं।
रामनगरी में पर्यटन की असीम संभावनाओं के बीच युवाओं में टूरिस्ट गाइड के तौर पर कार्य करने की ललक भी बढ़ी है। इसके लिए डा. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध एवं उद्यमिता विभाग में दो सौ युवाओं को चार सत्रों में टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

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