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    Ram Mandir: सांस्कृतिक गतिविधियों का नया वैश्विक केंद्र बन रहा 'अयोध्या धाम', हर साल सात करोड़ भक्तों के पहुंचने की उम्मीद

    Updated: Sat, 20 Jan 2024 12:05 PM (IST)

    Ram Mandir राम मंदिर निर्माण के चलते अयोध्या में पर्यटन गतिविधियों को मानो पंख लग गए हैं। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का अनुमान है कि राम मंदिर निर्माण के बाद प्रतिदिन लगभग दो लाख तीर्थयात्री राम मंदिर का दर्शन करने आएंगे जबकि पर्व और त्योहारों में यह आंकड़ा पांच लाख तक भी पहुंच सकता है। 22 जनवरी को अयोध्या पुनः अपने सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक वैभव का परावर्तन कर रही है।

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    Ram Mandir: सांस्कृतिक गतिविधियों का नया वैश्विक केंद्र बन रहा 'अयोध्या धाम' (फाइल फोटो)

    Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण के चलते अयोध्या में पर्यटन गतिविधियों को मानो पंख लग गए हैं। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का अनुमान है कि राम मंदिर निर्माण के बाद प्रतिदिन लगभग दो लाख तीर्थयात्री राम मंदिर का दर्शन करने आएंगे, जबकि पर्व और त्योहारों में यह आंकड़ा पांच लाख तक भी पहुंच सकता है। राम मंदिर के द्वारा अयोध्या के पर्यटन की स्थिति का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ताजमहल को वर्ष भर में 80 लाख लोग देखने जाते हैं, जबकि राम मंदिर को वर्ष भर में सात करोड़ लोग देखेंगे।

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    सोमवार को अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की गर्म जोशी न केवल उत्तर प्रदेश, अपितु देश के कोने-कोने से लेकर दुनिया के लिए विमर्श का विषय बना हुआ है। लगभग पांच सदी से संघर्ष का पर्याय बन चुकी अयोध्या अपनी अयुध्य संस्कृति की वास्तविक पहचान की जगह मुगल आक्रांताओं के आक्रमण और हिंदू समाज के अस्मिता के संघर्ष का अखाड़ा बनकर रह गई थी।

    22 जनवरी को अयोध्या पुनः अपने सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक वैभव का परावर्तन कर रही है। अयोध्या का यह परावर्तन न केवल इस शहर के लिए महत्वपूर्ण है, अपितु प्रदेश की योगी सरकार एवं केंद्र की मोदी सरकार को भी अयोध्या से बहुत अपेक्षाएं हैं। दोनों सरकारों की दृष्टि में अयोध्या की मृदुशक्ति के द्वारा भारत में एक पर्यटन क्रांति संभव है।

    भारत को बताया सातवां सबसे खूबसूरत देश

    भारत में पर्यटन, देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का मात्र 4.6 प्रतिशत है। ‘फोर्ब्स’ पत्रिका ने दुनिया के 50 सबसे खूबसूरत देशों की रैंकिंग में भारत को सातवां सबसे खूबसूरत देश बताया है और मोदी सरकार यह समझती है कि देश को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने के लिए भारत की पर्यटन संभावनाओं का दोहन आवश्यक है। इसलिए देश और प्रदेश की सरकार की दृष्टि में अयोध्या में मात्र एक राम मंदिर का निर्माण नहीं हो रहा है, अपितु इस समूचे क्षेत्र में विपुल निवेश के माध्यम से देश में एक पर्यटन क्रांति सुनिश्चित की जा रही है।

    वैश्विक शहर के रूप में किया जा रहा विकसित

    सरकार द्वारा अयोध्या को एक वैश्विक शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है और जिस प्रकार से ईसाइयों के लिए वेटिकन और मुसलमानों के लिए मक्का है, उसी प्रकार से हिंदुओं के लिए अयोध्या को एक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विकसित किया जा रहा है। एक आध्यात्मिक शहर के रूप में अपनी पहचान बनाने के क्रम में अयोध्या जल्द ही बुजुर्गों एवं अवकाश प्राप्त लोगों के लिए एक ठिकाना बनेगी और इसीलिए उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के द्वारा तीन हजार करोड़ रुपये की 1200 एकड़ में फैली नवअयोध्या परियोजना विकसित की जा रही है। यहां पर राज्य अतिथि गृह बनाया जाएगा।

    अयोध्या विकास प्राधिकरण के द्वारा गोरखपुर-लखनऊ राजमार्ग से सटे 14 कोसी परिक्रमा मार्ग पर लगभग 80 एकड़ भूमि पर आवासीय योजनाएं लाने पर कार्य चल रहा है। दूसरे घर के रूप में आध्यात्मिक शहरों को चुनने में अब तक हरिद्वार, ऋषिकेश, जगन्नाथपुरी, मदुरई तथा रामेश्वरम महत्वपूर्ण थे, परंतु अब इस सूची में अयोध्या अपना नाम प्रमुखता से दर्ज कराएगा।

    विश्व के कई औद्योगिक संस्थाओं ने किया निवेश

    अयोध्या को स्वच्छ रखने के लिए कचरा प्रबंधन तंत्र का विकास, जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल आपूर्ति परियोजना, विद्युत आपूर्ति के लिए उच्चतम मानकों के पावर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। सरकार के अयोध्या में होने वाले भारी निवेश को देखते हुए भारत के साथ-साथ विश्व के कई औद्योगिक संस्थाओं ने अयोध्या में अपना निवेश प्रारंभ कर दिया है। अयोध्या में होने वाला विकास वास्तव में राम जन्मभूमि की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही संपन्न नहीं होगा, अपितु अभी तो यह अयोध्या एवं आसपास के क्षेत्र के विकास का शुभारंभ है।

    2031 में पूर्ण होगी 10 वर्षीय योजना

    अयोध्या को हर तरह से विकसित बनाने की दिशा में 10 वर्षीय योजना 2031 में पूर्ण होगी और तब तक अयोध्या का पूर्ण रूप से कायाकल्प हो जाएगा। इस क्रम में 85 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाना सुनिश्चित है। इस 10 वर्षीय योजना में अयोध्या विकास प्राधिकरण के द्वारा 875 वर्ग किमी में क्षेत्रीय अवसंरचनाओं एवं पर्यटन के विकास पर कार्य करेगा। 133 वर्ग किमी में इसके मास्टर प्लान की योजना रहेगी। इस प्रकार से अयोध्या को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर के सांस्कृतिक शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।

    परियोजनाओं से कायाकल्प

    सरकार के द्वारा अयोध्या में रेल, रोड तथा वायु सेवाओं की बेहतर कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने के लिए 17 विभागों में 264 से अधिक परियोजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसकी कुल लागत 3923 करोड़ रुपये है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया के द्वारा 318 एकड़ भूमि पर अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया गया है जो स्वयं में एक ‘स्टेट आफ द आर्ट एयरपोर्ट’ है। रेलवे द्वारा अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन परियोजना के अंतर्गत 443 करोड़ रुपये खर्च करके हिंदू वास्तु के अनुसार नवनिर्माण किया जा रहा है। अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन में तीन नए प्लेटफार्म बनाए जा रहे हैं जिसे भविष्य में और विस्तार किया जाएगा।

    पर्यटन क्रांति

    राम मंदिर निर्माण के चलते अयोध्या में पर्यटन गतिविधियों को मानो पंख लग गए हैं। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का अनुमान है कि राम मंदिर निर्माण के बाद प्रतिदिन लगभग दो लाख तीर्थयात्री राम मंदिर का दर्शन करने आएंगे, जबकि पर्व और त्योहारों में यह आंकड़ा पांच लाख तक भी पहुंच सकता है। राम मंदिर के द्वारा अयोध्या के पर्यटन की स्थिति का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि ताजमहल को वर्ष भर में 80 लाख लोग देखने जाते हैं, जबकि राम मंदिर को वर्ष भर में सात करोड़ लोग देखेंगे।

    यदि एक व्यक्ति औसतन मात्र पांच हजार रुपये भी खर्च करता है तो अयोध्या वर्ष भर में 35 हजार करोड़ रुपये के बाजार को जन्म देगा जो पर्यटकों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से पैदा किया जाएगा। अयोध्या में जिस तरह से बुनियादी ढांचा निर्माण, औद्योगिक गतिविधियां, पर्यटन तथा सेवा क्षेत्र में वृद्धि हो रही है तो यहां के क्षेत्रीय लोगों की रोजगार संभावनाओं में व्यापक वृद्धि दर्ज की गई है।

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    वैश्विक केंद्र बनेगा अयोध्या धाम

    अयोध्या भारत की एक सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक नगरी के रूप में नए सिरे से विकसित हो रही है। यह देश के एक नए आर्थिक गतिविधियों के केंद्र के रूप में भी उभरेगी, जिससे सरकार सहित समाज के हर वर्ग को बड़ा लाभ मिलेगा। बहुत जल्द ही जब विश्व के बड़े सांस्कृतिक शहरों और धार्मिक पर्यटन की बात होगी तो उसमें वेटिकन सिटी, मक्का-मदीना और क्योटो आदि के साथ भारत के अयोध्या धाम का नाम जुड़ेगा।

    (शिवेश प्रताप, अध्येता, भारतीय संस्कृति)

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