रामजन्मभूमि परिसर में अतिविशिष्ट प्रवेश द्वार तैयार, पत्थरों का काम पूरा; लोहे का गेट लगना बाकी
अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर के अति विशिष्ट प्रवेश द्वार पर लोहे का गेट लगाया जा रहा है। पत्थरों का काम पूरा होने के बाद अब गेट लगने से निर्माण कार्य में तेजी आई है। कुल चार गेट लगाए जाएंगे, जिनमें से दो प्रवेश और दो निकास के लिए होंगे। मंदिर निर्माण समिति ने 15 अक्टूबर तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह जिम्मेदारी यूपीआरएनएन को सौंपी है।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। ध्वजारोहण समारोह की तैयारियों के मध्य रामजन्मभूमि परिसर के निर्माण कार्यों में भी तेजी आ गई है। परिसर के अतिविशिष्ट प्रवेश द्वार पर पत्थरों से संबंधित कार्य लगभग पूर्ण हो जाने के बाद अब इसमें लोहे का गेट भी लगाया जाने लगा।
इस प्रवेश द्वार में कुल चार गेट लगाए जाने हैं, जिनमें से दो से अतिथियों को प्रवेश मिलेगा तो दो से उनकी वापसी कराई जाएगी। मंदिर निर्माण समिति की ओर से इस प्रवेश द्वार के निर्माण की कार्यावधि गत दिनों 15 अक्टूबर तय की गई थी। कार्यदायी एजेंसी ने डेडलाइन के अनुरूप कार्य तेज कर दिया है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्रवेश द्वारों के निर्माण का दायित्व उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को सौंपा है। यूपीआरएनएन ने इसका निर्माण गत जुलाई माह में शुरू कराया था। इस प्रवेश द्वार की लंबाई 24 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर और ऊंचाई छह मीटर है। प्रवेश द्वार के शिखर पर आगे की ओर दो मंडप बनाए गए हैं।
वहीं, लोहे के गेट पर सूर्यवंश का प्रतीक चिह्न सूर्य भी बनवाया गया है। इस प्रवेश द्वार का निर्माण पूर्ण हो जाने के पश्चात वीआइपी प्रवेश द्वार संख्या-तीन भी बनाया जाएगा, अभी इसी से अतिथियों का प्रवेश हो रहा है।
25 नवंबर को ध्वजारोहण समारोह होना है, इस कारण इसका निर्माण अब समारोह के बाद ही संभव हो सकेगा। वहीं, परिसर के उत्तरी द्वार का निर्माण पहले ही हो चुका है। हालांकि अभी इस द्वार को बंद ही रखा गया है।
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