Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Ram Darbar in Ayodhya :उत्तर भारतीय शैली में बना राम दरबार और उप मंदिरों की मूर्तियां

    Updated: Sat, 07 Jun 2025 05:23 PM (IST)

    Ram Darbar in Ayodhya and Sub Temples पांडेय ने बताया कि 22 जनवरी 2024 को हुई राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय जब उनकी बनाई गई रामलला की प्रतिमा नहीं चयनित की गई तो उन्हें निराशा हुई। इसके बाद भगवान राम के आशीर्वाद से फिर मंदिर से जुड़ने का उन्हें मौका मिला।

    Hero Image
    उत्तर भारतीय शैली में बना राम दरबार

    लवलेश कुमार मिश्र, जागरण, अयोध्या : राम मंदिर के प्रथम तल पर स्थापित राम दरबार और परकोटे के उप मंदिरों में प्रतिष्ठित देवों की प्रतिमाएं उत्तर भारतीय शैली में बनाई गई हैं।

    राम दरबार के लिए बनाई गई सभी प्रतिमाओं की डिजाइन वाल्मीकि रामायण व तुलसी कृत रामचरितमानस के गहन अध्ययन के आधार पर की गई। प्रतिमाओं के निर्माण से पूर्व प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत ने डिजाइन बनाई। लगभग दस महीने में जयपुर के मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय की अगुवाई में उनके स्वजनों व 25 कारीगरों ने प्रतिमाएं निर्मित कीं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मूर्तिकार सत्यनारायण पांडेय ने बताया कि प्रतिमाओं का आकार-प्रकार व रंग-रूप देश की चारों दिशाओं के राज्यों में मान्य स्वरूप के अनुसार है। पांडेय ने बताया कि 22 जनवरी 2024 को हुई राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय जब उनकी बनाई गई रामलला की प्रतिमा नहीं चयनित की गई तो उन्हें निराशा हुई। इसके बाद भगवान राम के आशीर्वाद से फिर मंदिर से जुड़ने का उन्हें मौका मिला। उन्होंने बताया कि गत वर्ष शारदीय नवरात्र में राम दरबार समेत सप्त मंडपम व परकोटा के छह मंदिरों के देव विग्रह का निर्माण शुरू किया।

    राम दरबार की दो मुख्य प्रतिमाओं को संगमरमर के एक ही शिलाखंड से तराशा गया है, जबकि तीन भाइयों और हनुमान की प्रतिमा को अलग-अलग शिलाखंडों से तैयार किया गया। वासुदेव कामत की ओर से तय की गई डिजाइन के अनुसार कारीगरों ने मोम का माडल बनाया, उसके बाद फाइबर माडल बनाया गया। फिर संगमरमर के पत्थरों पर तराशने का काम शुरू हुआ। वह बताते हैं कि उनके घर के सामने भी एक राम मंदिर है।

    मूर्ति का काम शुरू करने के पहले वह प्रतिदिन परिक्रमा करते थे, हनुमान चालीसा का पाठ करते थे, फिर तराशी प्रारंभ होती थी। उन्होंने बताया कि राम दरबार समेत छह पूरक मंदिरों व सप्त मंडपम की कुल 18 प्रतिमाओं को बनाने में संगमरमर की 19 शिलाओं का प्रयोग किया गया है। शेषावतार मंदिर में प्रतिष्ठित वनवासी लक्ष्मण जी की प्रतिमा को जयपुर के ही मूर्तिकार केशव ने बनाया है।