Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    9 सीटों के उपचुनाव संपन्न अब मिल्कीपुर में राजनीतिक हलचल तेज, BJP के ये नेता कर रहे हैं टिकट की दावेदारी

    Updated: Thu, 28 Nov 2024 08:27 PM (IST)

    मिलकीपुर उपचुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। 9 सीटों के उपचुनाव संपन्न होते ही भाजपा के कई नेता टिकट के दावेदारी कर रहे हैं। ज ...और पढ़ें

    Hero Image
    मिलकीपुर में उपचुनाव के लिए बीजेपी के अंदर टिकट के दावेदारी तेज (प्रतीकात्मक)

    जागरण संवाददाता, अयोध्या। मिल्कीपुर उपचुनाव की तिथियों और भाजपा के ‘दूल्हे’ की प्रतीक्षा भले ही हो रही हो, लेकिन बराती तैयार हैं, जबकि सपा ने सांसद अवधेश प्रसाद के पुत्र अजित प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा से प्रत्याशी की घोषणा भले नहीं हुई, लेकिन मतदाताओं को साधने के लिए मंत्रियों ने मिल्कीपुर को फिर से मथना आरंभ कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसकी शुरुआत बुधवार को जिले के प्रभारी मंत्री सूर्यप्रताप शाही के दौरे से हुई। राज्य की नौ विधानसभा सीटों के उप चुनाव के कारण मिल्कीपुर में राजनीतिक हलचल थोड़ी मंद पड़ गई थी, जो फिर से आरंभ हुई है।

    प्रभारी मंत्री के साथ ही खेल मंत्री गिरीश यादव, खाद्य एवं रसद राज्यमंत्री सतीश शर्मा व राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह को मिल्कीपुर उप चुनाव का दायित्व दिया गया है। माना जा रहा है कि दो से तीन दिनों में अन्य मंत्री भी मिल्कीपुर में डेरा डालेंगे।

    मिल्कीपुर उप चुनाव में भाजपा से आधा दर्जन से ज्यादा नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। मिल्कीपुर से विधायक रहे गोरखनाथ बाबा स्वाभाविक दावेदार हैं। जिला महामंत्री राधेश्याम त्यागी भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। वह संगठन में अनेक पदों पर रह चुके हैं।

    उनके साथ ही परिवहन विभाग के उप आयुक्त सुरेंद्र कुमार रावत, पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, चंद्रभानु पासवान, विनय रावत, चंद्रकेतु, ब्रजेश कुमार पासवान भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं।

    माना जा रहा है कि भाजपा शीघ्र ही प्रत्याशी की घोषणा कर सकती है। वहीं प्रभारी मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने मिल्कीपुर में अलग-अलग वर्गों के साथ बैठक आरंभ कर दी है। जिलाध्यक्ष संजीव सिंह का कहना है कि टिकट पर पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा।

    मिल्कीपुर उप चुनाव से पहले चुनाव लटकाने की लड़ाई तेज

    हाई कोर्ट से मिल्कीपुर उप चुनाव का रास्ता साफ होने के बाद एक बार फिर चुनाव टलवाने की लड़ाई भारतीय जनता पार्टी व समाजवादी पार्टी में तेज हो गई। कोर्ट ने पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा की तरफ से याचिका वापस लेने के प्रार्थनापत्र पर आपत्ति न होने से उसे स्वीकार कर खारिज कर दिया।

    उप चुनाव टलने के समय सांसद अवधेशप्रसाद ने पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया था कि भाजपा ने हारने के डर से जानबूझ कर चुनाव टलवा दिया, हाई कोर्ट का निर्णय आने के बाद याचिकाकर्ता व पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा ने सांसद की उसी प्रेसवार्ता को लेकर फ्रंटफुट पर आकर उन पर हमला बोला है।

    दरअसल, उस प्रेस वार्ता में सांसद ने मिल्कीपुर उप चुनाव टलने पर भाजपा पर को जिम्मेदार ठहराया था। सांसद ने भाजपा के उस आरोप को गलत बताया था कि उनके अधिवक्ता के कोर्ट में याचिका वापस लेने का विरोध करने के कारण चुनाव टल गया। बोले, वह सांसद निर्वाचित हो गये हैं। विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे चुके हैं। अब याचिका में पक्षकार ही नहीं रह गये तो उनके अधिवक्ता कोर्ट किसलिए जाएंगे।

    मिल्कीपुर में क्यों नहीं हुए थे उपचुनाव

    2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक निर्वाचित हुए थे। भाजपा उम्मीदवार गोरखनाथ बाबा ने उनके निर्वाचन को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। उस याचिका के विचाराधीन होने से निर्वाचन आयोग ने प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों के उप चुनावों के साथ मिल्कीपुर का कार्यक्रम घोषित नहीं किया था। समाजवादी पार्टी ने सांसद के पुत्र अजीत प्रसाद को उम्मीदवार बनाया है।