प्राण प्रतिष्ठा का एक महीना पूरा: उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, दर्शनार्थियों में रंक से लेकर राजा तक की हैसियत वाले भक्त शामिल
One Month of Pran Pratishtha ceremony प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्ट अतिथियों से जुड़े शिष्टाचार के चलते प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अतिथियों की संख्या तो सात हजार तक सीमित रखी गई थी किंतु अगले दिन से उमड़ा आस्था का ज्वार 29 दिन बाद तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। 23 जनवरी को रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या पांच लाख तक जा पहुंची।

रघुवरशरण, अयोध्या। भव्यता का प्रतिमान गढ़ने वाले मंदिर में रामलला के मनमोहक विग्रह की स्थापना के साथ उनसे जुड़ी आस्था भी भव्यता का प्रतिमान गढ़ रही है। यह सत्य एक माह की अवधि में पूरी प्रामाणिकता से प्रतिपादित हुआ है। इस दौरान न केवल दर्शनार्थियों की संख्या में आठ से दस गुना तक वृद्धि हुई है, बल्कि दर्शनार्थियों के प्रवाह में रंक से लेकर राजा तक की हैसियत वाले श्रद्धालु शामिल रहे।
इसकी झलक तो 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भारत रत्न सचिन तेंदुलकर, शीर्षस्थ रामकथा मर्मज्ञ मोरारी बापू और सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय ख्याति के हजारों भारतीयों की उपस्थिति से मिल गई थी, किंतु विशिष्ट-अति विशिष्ट श्रद्धालुओं के आगमन का यह सिलसिला आश्चर्यजनक रूप से आगे भी बढ़ा है।
इससे श्रीराम के प्रति अगाध आस्था और उसकी व्यापकता परिभाषित होने के साथ भविष्य की स्वर्णिम संभावनाएं भी प्रशस्त हो रही हैं। सत्ता और राजनीति के भी स्तंभ रामलला के सम्मुख शरणागत हो रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए तो अयोध्या दूसरे घर और दूसरी राजधानी की ही तरह है। मुख्यमंत्री बनने के बाद से 60 से अधिक बार रामलला को शिरोधार्य कर चुके हैं और प्राण प्रतिष्ठा के 20 दिन की अवधि में ही तीन बार रामलला का दर्शन कर चुके हैं।
11 फरवरी को अपनी पूरी कैबिनेट और भाजपा सहित अन्य दलों के विधायकों के साथ रामलला को नमन करने पहुंचे। इससे पहले छह फरवरी को ही अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू अपनी सरकार के साथ रामलला को शिरोधार्य करने पहुंचे।
रामलला के आकर्षण से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी अछूते नहीं रहे। गत दिनों उन्होंने मय परिवार के रामलला का दर्शन-पूजन किया। उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी सोमवार को अपने मंत्रियों के साथ रामलला के समक्ष शीश नवाने पहुंचे थे।
एक माह में ही श्रद्धालुओं की संख्या 60 लाख से ऊपर
प्रधानमंत्री और अन्य विशिष्ट अतिथियों से जुड़े शिष्टाचार के चलते प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में अतिथियों की संख्या तो सात हजार तक सीमित रखी गई थी, किंतु अगले दिन से उमड़ा आस्था का ज्वार 29 दिन बाद तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। 23 जनवरी को रामलला के दर्शनार्थियों की संख्या पांच लाख तक जा पहुंची।
24 जनवरी को आस्था का ज्वार कुछ मंद पड़ा, तथापि दर्शनार्थियों की संख्या तीन लाख से ऊपर रिकार्ड की गई और श्रद्धालुओं के प्रवाह के आगे व्यवस्था के प्रबंध सीमित सिद्ध हुए। इसके बाद से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से लेकर शासन-प्रशासन के स्तर पर श्रद्धालुओं की सहेज-संभाल के नित्य अतिरिक्त प्रबंध होते हैं, किंतु इन प्रबंधों पर श्रद्धालुओं की संख्या बराबर बीस बैठ रही है।
एक दो दिन संख्या डेढ़ लाख तक आंकी जाती, तो अगले दिन मंगलवार, शनिवार, रविवार, पूर्णमासी, त्रयोदशी, अमावस्या अथवा बसंत पंचमी जैसे उत्सव के योग में यह संख्या पुन: दो से चार लाख तक जा पहुंचती है।
रामजन्मभूमि परिसर से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार अपार भीड़ के सामने श्रद्धालुओं की सटीक संख्या का रिकार्ड संभव नहीं हो पा रहा है, किंतु अनुमान के अनुसार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 60 लाख से अधिक श्रद्धालु रामलला को शिरोधार्य कर चुके हैं।
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