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    नव वर्ष पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, अयोध्या-काशी; मथुरा में लगी भक्तों की कतारें

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 09:32 AM (IST)

    नव वर्ष के पहले दिन काशी मथुरा और अयोध्या के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। काशी विश्वनाथ मंदिर में 6 लाख से अधिक राम मंदिर में 3 लाख से अधिक और बांके बिहारी मंदिर में भी लाखों श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। बरसाना के राधारानी मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ देखी गई। वहीं काशी में बाबा भैरव के मंदिर में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

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    नव वर्ष पर मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब, अयोध्या-काशी; मथुरा में लगी भक्तों की कतारें

    जागरण टीम, नई दिल्ली। नव वर्ष के स्वागत में काशी, मथुरा और अयोध्या का कोना- कोना उत्साह व उमंग से लबरेज रहा। साल के पहले दिन काशी विश्वनाथ मंदिर, राम मंदिर, ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, बरसाना के राधारानी मंदिर समेत कई बड़े मंदिरों में भगवान के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।

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    तीन लाख से अधिक भक्तों ने रामलला संग मनाया नूतन वर्ष

    वर्षों की प्रतीक्षा के उपरांत रामजन्मभूमि पर निर्मित हुए करोड़ों सनातनियों के स्वाभिमान के प्रतीक राम मंदिर में नूतन वर्ष के प्रथम दिन रिकार्ड तीन लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे और रामलला का दर्शन-पूजन कर अपनी साध पूरी की। दिन भर पूरा रामजन्मभूमि परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। रामजन्मभूमि पथ पर भी प्रवेश द्वार से ही भारी भीड़ रही। दर्शनार्थियों की संख्या का अनुमान लगा पहले से ही सभी व्यवस्थाएं कर लिए जाने से कोई अव्यवस्था नहीं हुई और रात्रि दस बजे तक सुचारू रूप से दर्शन चलता रहा।

    बताया जा रहा कि मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत गुरुवार को सर्वाधिक संख्या में दर्शनार्थी पहुंचे। नव वर्ष के पहले दिन बुधवार को भक्तों में रामलला के दर्शन-पूजन की होड़ देखी गई। देश के विभिन्न प्रांतों से तो रामभक्त पहुंचे ही थे, दूसरे देशों के श्रद्धालुओं में भी अपार श्रद्धा दिखी। सुबह सात बजे से दर्शन प्रारंभ होने से पूर्व ही श्रद्धालुओं ने रामजन्मभूमि पथ पर लाइन लगा ली थी। श्रृंगार आरती के उपरांत जैसे ही सुबह सात बजे से दर्शन प्रारंभ हुआ, लोगों की भीड़ बढ़ती गई।

    भगवान भास्कर ने बढ़ाया नव वर्ष के उत्सव प्रेमियों का उत्साह

    नव वर्ष के स्वागत में काशी का कोना- कोना उत्साह व उमंग से लबरेज रहा। घड़ी की घंटे व मिनट की दोनों सुइयां रात में 12 पर पहुंची नहीं कि पटाखों व रोशनियों से आसमान की जो शोभा बढ़ी वह सूर्योदय होते ही द्विगुणित हो गई। लोगबाग ठंड की परवाह न करते हुए सुबह ही घरों से निकल पड़े। भगवान भास्कर ने भी काशी के उत्साही व उत्सव प्रेमियों का खूब साथ दिया।

    सुबह से नदारत सूर्य देव का दर्शन जब आसमान में हुआ तो गुलाबी व गुनगुनाती धूप ने उत्सव में चार चांद लगा दिया। लोगों ने अपने इष्ट देव के दरबार में हाजिरी लगाई। परिणाम यह था कि पूजा स्थलों मंदिर- मस्जिद गुरुद्वारों पर मत्था टेकने व प्रसाद चढ़ाने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। काशी का ऐसा कोई भी प्रसिद्ध धार्मिक स्थल नहीं रहा होगा जहां सुबह से लगायत देर शाम तक लाखों की भीड़ न उमड़ी हो।

    काशी विश्वनाथ मंदिर नव्य- भव्य श्री काशी विश्वनाथ धाम का आलम यह था कि बाबा दरबार में पहुंचने वाले मार्गों पर लोगों का रेला लग गया था। येलो व रेड जोन में लोगों को घण्टों लाइन लगाकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। तब जाकर उन्हें बाबा का दर्शन मिला। व्यवस्था के अनुसार गर्भ गृह में किसी के प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। मंदिर के सभी द्वारों से प्रवेश दिया जा रहा था। हालांकि सर्वाधिक भीड़ बांसफाटक की तरफ स्थित गेट नंबर चार प्रवेश द्वार पर थी।

    मंदिर प्रशासन के अनुसार रात आठ बजे तक 6,06,130 श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र की ओर से जारी सूचना के अनुसार सुबह छह बजे 11, 824 तक लोगों ने दर्शन किया जो शाम को छह बजे तक बढ़कर पांच लाख नौ हजार सात सौ सत्तर तक पहुंच गई। एक अनुमान के अनुसार यह संख्या देर रात तक सात लाख पहुंच जाएगी।

    काल भैरव मंदिर काशी कोतवाल काल भैरव मंदिर में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ पड़ी। विश्वेशरगंज मार्ग से लेकर मंदिर तक लंबी लाइन लगी थी। लोग दर्शन करते और बाबा का भस्म - भभूत लगवाते। लाखों की भीड़ ने बाबा के दरबार में पहुंचकर मंगल कामना की। 

    बरसाना में हर ओर भीड़, व्यवस्थाएं बिगड़ीं

    नए वर्ष के स्वागत के लिए बरसाना के राधारानी मंदिर में बुधवार को श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ी। राधारानी मंदिर से लेकर बड़ी सिंह पौर तक श्रद्धालु इतने थे कि पैर रखने की भी जगह नहीं बची। दिन में कई बार यहां की व्यवस्था भीड़ के कारण बिगड़ी।

    मंदिर के नीचे सफेद छतरी से लेकर दादी बाबा मंदिर तक श्रद्धालुओं से सीढ़ियां भर गईं, किसी को खड़े होने की जगह नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में रस्सा लगाकर श्रद्धालुओं को टुकड़ों में मंदिर में प्रवेश कराया गया। मंदिर रिसीवर प्रवीन गोस्वामी का कहना है कि इस बार भीड़ ने रिकार्ड तोड़ दिया। सुबह तीन बजे से रात दस बजे तक मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा गार्डों को तैनात किया।

    नव वर्ष के स्वागत में आस्था के दर पर उमड़ा श्रद्धा का समंद

    नव वर्ष के पहले दिन बुधार को नटवरनागर के दर पर दर्शन को श्रद्धा का समंदर उमड़ा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, बरसाना के राधारानी मंदिर में इतनी भीड़ उमड़ी कि पैर रखने की जगह नहीं बची। भीड़ अधिक होने पर ठाकुर बांकेबिहारी के मंदिर के पट सुबह निर्धारित समय से पौने दो घंटे पहले खोल दिए गए।

    प्रशासन ने भीड़ को बांटने के लिए करीब पांच किमी दूर वाहन रोक दिए, ऐसे में टुकड़ों में भीड़ मंदिर के मार्गों पर दिखाई दी। लेकिन मंदिर के अंदर और बाहर भीड़ अधिक होने के कारण हालात बिगड़ गए, उधर बरसाना में भी करीब तीन लाख श्रद्धालु बुधवार को पहुंच गए। धक्का-मुक्की के बीच श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

    वृंदावन में भीड़ में फंसकर तीन और बरसाना में दो श्रद्धालु बेहोश हो गए। उन्हें उपचार के बाद गंतव्य के लिए रवाना किया गया। पिछले दो दिनों की अपेक्षा ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बुधवार को भीड़ अधिक रही। मंदिर के पट सुबह पौने नौ बजे खुलने थे, लेकिन सात बजे ही खोल दिए गए।