Milkipur BJP Candidate: मिल्कीपुर सीट पर भाजपा ने खोले पत्ते, इस दिग्गज नेता को बनाया उम्मीदवार
Milkipur Assembly By-Election मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने चंद्रभान पासवान ( Chandrabhan Paswan ) को उम्मीदवार बनाया है जबकि सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है। कांग्रेस ने चुनाव से हटने का फैसला किया है जिससे सीधा मुकाबला भाजपा और सपा के बीच है। मतदान 5 फरवरी और मतगणना 8 फरवरी को होगी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Milkipur Assembly by-election: मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव के लिए भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिए हैं। पार्टी ने चंद्रभान पासवान को अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके संबंध में भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय से प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई है।
वहीं, सपा पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। सपा ने अयोध्या के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को टिकट दिया है। कांग्रेस ने किसी भी प्रत्याशी को उतारने से कदम पीछे खींच लिए हैं। अब मिल्कीपुर सीट पर सीधी टक्कर चंद्रभान पासवान और अजीत प्रसाद के बीच देखने को मिलेगी।
वोटिंग और मतगणना कब?
मिल्कीपुर (Milkipur By Election) विधानसभा सीट पर 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को मतगणना होगी। नवंबर में हुए नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में सिर्फ दो सीटें जीतने वाली सपा को झटका लगा था। मिल्कीपुर से सटी कटेहरी सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा था।
इस सीट से पार्टी के विधायक रहे लालजी वर्मा के सांसद बनने के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी। वहीं उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह है। कांग्रेस के मैदान से हटने के बाद अब मिल्कीपुर विधानसभा सीट दोनों पार्टियों के लिए नाक का सवाल बनी हुई है।
मिल्कीपुर सीट पर सूबे की नजर टिकी
मिल्कीपुर सीट पर पूरे सूबे की नजरें टिकी हुई हैं, जहां एक तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस प्रतिष्ठित सीट की कमान संभाली हुई है। वहीं, दूसरी तरफ सपा ने भी अपने सभी पेच कसे हुए हैं।
पिछला प्रदर्शन
- नवंबर में हुए नौ उपचुनावों में सपा को केवल दो सीटें मिली थीं।
- कटेहरी सीट पर सपा को हार का सामना करना पड़ा।
- पूर्व विधायक लालजी वर्मा के सांसद बनने के बाद उपचुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी।
जातीय समीकरण
- 3.5 लाख पात्र मतदाता।
- 1.2 लाख दलित, 55,000 यादव, 30,000 मुस्लिम।
- 60,000 ब्राह्मण, 55,000 पासी, 25,000 ठाकुर, 50,000 अन्य पिछड़े वर्ग के वोटर्स।
- दलित और अन्य वर्गों का समर्थन जीतने वाली पार्टी को लाभ।
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