अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण तेजी से प्रगति पर है। दीपावली के अवसर पर भी रामलला के नवनिर्मित मंदिर में प्रथम दीपोत्सव मनाते हुए मुख्य शिखर की छठी परत में पत्थरों का संयोजन किया गया। श्रमिकों की छुट्टी के बावजूद मुख्य शिखर का कार्य जारी रहा। शिखर की कुल 29 परतें होंगी जिनमें लगभग 32 हजार घन फीट पत्थरों का उपयोग होगा।
लवलेश कुमार मिश्र, अयोध्या। राम मंदिर के मुख्य शिखर का निर्माण निरंतर प्रगति पर है। भव्य राजप्रासाद में एक ओर रामलला की प्रथम दीपावली मनाई जा रही थी तो दूसरी ओर मुख्य शिखर की छठी परत में पत्थरों का संयोजन किया जा रहा था। छुट्टी में कई श्रमिकों के घर चले जाने के कारण रामजन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन विभिन्न प्रकल्पों का कार्य भले शिथिल पड़ गया था, पर मुख्य शिखर के निर्माण में जुटे श्रमिक व अभियंता कार्य करते रहे।
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अब श्रमिकों के वापस आ जाने से फिर निर्माण गति पकड़ेगा। रामजन्मभूमि परिसर में वर्तमान में राम मंदिर के मुख्य शिखर, छह देवी-देवताओं व सप्तर्षियों के मंदिरों और परकोटे का निर्माण चल रहा है। इसी बीच दीपावली का त्योहार आ गया। नवनिर्मित मंदिर में रामलला के विराजने के उपरांत प्रथम दिवाली होने से हर भक्त इस उत्सव का सहभागी बनने को उत्सुक दिखा।
स्वयंसेवकों के साथ कार्यदायी संस्था और ट्रस्ट के कर्मियों व श्रमिकों ने भी भगवान के राजप्रासाद को पूरी श्रद्धा के साथ सजाया-संवारा। स्वजनों के साथ दिवाली मनाने के इच्छुक कुछ श्रमिक छुट्टी पर चले गए तो दो दिन के लिए अन्य प्रकल्पों का निर्माण थोड़ा प्रभावित हुआ, लेकिन मुख्य शिखर निरंतर आकार पाता रहा।
कार्यदायी संस्था एलएंडटी के एक उच्चाधिकारी ने बताया, दिवाली के दिन भी मुख्य शिखर का निर्माण जारी रखा गया था। उस दिन छठी परत में शिलाओं को संयोजित किया गया। मुख्य शिखर निर्माण में कुल 29 लेयर में पत्थरों को संयोजित किया जाना है। इस कारण अभी इसमें लगभग तीन माह का कार्य शेष है। मुख्य शिखर में लगभग 32 हजार घन फीट शिलाएं प्रयुक्त होनी हैं।
सुंदरीकरण के बाद निखर उठा कुबेर टीला
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सुंदरीकरण के उपरांत कुछ इस तरह से निखर उठा है रामजन्मभूमि परिसर स्थित प्राचीन कुबेर टीला। सौ. ट्रस्ट
रामजन्मभूमि परिसर स्थित अति प्राचीन कुबेर टीले का सुंदरीकरण लगभग पूरा हो चुका है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इसे निखारने का दायित्व जीएमआर ग्रुप को सौंपा गया था। इसी ग्रुप ने देश के कई हवाई अड्डों का भी सुंदरीकरण किया है।
परिसर के प्रकल्पों का निर्माण पूरा होने के उपरांत श्रद्धालुओं को इस टीले पर स्थित कुबेरेश्वर महादेव के दर्शन की भी अनुमति दी जा सकती है। अभी इस पर प्रतिबंध है। मान्यता है कि इस टीले पर त्रेतायुग में धनपति कुबेर का आगमन हुआ था। उन्होंने ही शिवलिंग की स्थापना कर भगवान शंकर की आराधना की थी। प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी उक्त टीले पर जाकर पूजा की थी।
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