अयोध्या में महंत राममिलन दास को सरयू नदी में दी गई जल समाधि, रावत मंदिर में हुई थी मौत
अयोध्या में रावत मंदिर के महंत राममिलनदास को हृदयाघात के कारण निधन के बाद सरयू नदी में जल समाधि दी गई। रामानंदीय परंपरा के अनुसार, उनके काका गुरु रामनयनदास की देखरेख में अंतिम संस्कार हुआ। इस अवसर पर कई महंतों और पुजारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 48 वर्षीय महंत के आकस्मिक निधन से रामनगरी में शोक की लहर है।

जागरण संवाददाता, अयोध्या। हृदयाघात से चिरनिद्रा में लीन रावत मंदिर के महंत राममिलनदास को पुण्य सलिला सरयू में रामानंदीय परंपरा के अनुरूप जल समाधि दी गई। यह संस्कार उनके काका गुरु रामनयनदास की देखरेख में संपन्न हुआ।
सरयू तट पर उन्हें अंतिम प्रणाम करने वालों में बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेशदास, बावन मंदिर के महंत वैदेहीवल्लभशरण, दिगंबर अखाड़ा के उत्तराधिकारी महंत रामलखनदास, हनुमानगढ़ी के प्रधान पुजारी रमेशदास, करतलिया भजनाश्रम के महंत रामदास त्यागी, महंत भवनाथदास के उत्तराधिकारी महंत रमेशदास, महंत कमलादास रामायणी आदि रहे।
48 वर्षीय महंत का आकस्मिक निधन रामनगरी को सन्न कर देने वाला रहा। महंत रामदास त्यागी ने उनके निधन को अपूर्णीय बताया। पुजारी रमेशदास ने कहा कि अभी वह अपने यशस्वी गुरु मानस कोकिल जी की गौरवमय परंपरा से न्याय करने में सक्षम ही हुए थे, तभी उनका सदैव के लिए बिछड़ जाना बहुत ही दुखद है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।