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    अयोध्या में सड़क दुर्घटना में पत्रकार सहित दो लोगों की मौत, बेसहारा हुए बुजुर्ग मां-बाप

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 07:37 PM (IST)

    अयोध्या में एक दुखद सड़क दुर्घटना में एक पत्रकार सहित दो लोगों की जान चली गई. इस घटना ने बुजुर्ग माता-पिता को बेसहारा छोड़ दिया है. दुर्घटना के कारणों ...और पढ़ें

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    सड़क दुर्घटना में पत्रकार सहित दो लोगों की मौत।

    संवाद सूत्र, पटरंगा (अयोध्या)। युवा पत्रकार फरहान खां की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। उनकी आयु 30 वर्ष थी। घटना रविवार देर शाम पटरंगा के बुलबुलपुर-सिठौली मार्ग पर हुई। वह टिकैतनगर के खजुरी गांव गए थे। वहां से लौटते समय हादसा हुआ। फरहान मवई के नयापुरवा सिपहिया कोटवा गांव के रहने वाले थे।

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    आशंका है कि असंतुलित होकर उनकी बाइक पेड़ से टकराने के बाद गड्ढे में पलट गई, जिससे गंभीर चोट आने के कारण उनका निधन हो गया। उनके निधन की खबर मिलते ही सीएचसी मवई में बड़ी संख्या में लोग जुट गए।

    पटरंगा थाना प्रभारी शशिकांत यादव ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला सड़क दुर्घटना का लग रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। मवई संवादसूत्र के अनुसार कुशहरी गांव के निकट रविवार देर शाम दो बाइकों की आमने-सामने की टक्कर में एक युवक की मौत हो गई।

    मृतक की पहचान बाराबकी के असंदरा चितई पुरवा निवासी हरिकिशोर मिश्रा उर्फ अनुज के रूप में हुई है। घायल पप्पू मोहदीपुर जमोली का रहने वाला है। थाना प्रभारी सुरेश कुमार पटेल ने बताया कि दोनों बाइकों को कब्जे में ले लिया गया है।

    फरहान के निधन से बेसहारा हुए बुजुर्ग मां बाप

    पटरंगा में फरहान खां अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। पांच बेटियों के बीच वही एक ऐसा कंधा था, जिस पर पूरे परिवार की जिम्मेदारियां टिकी थीं। बेटे की मौत के बाद पिता इरफान खां खुद को संभाल नहीं पा रहे थे। कांपती आवाज से उन्होंने कहा कि मेरे पास अब कुछ भी नहीं बचा है।

    फरहान ही हमारा सहारा था, उसी के भरोसे जिंदगी चल रही थी। उसके जाने से हमारा बुढ़ापा बेसहारा हो गया। यह कहते हुए वे फूट-फूट कर रो पड़े। उनका दर्द सुन वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं।

    फरहान की दो मासूम बेटियां पांच साल की खतीजा और एक साल की दरीजा अभी इतनी छोटी हैं कि अपने सिर से पिता का साया उठ जाने की त्रासदी को समझ भी नहीं पा रहीं।

    वे बार-बार अपने पिता को ढूंढती रहीं, कभी मां की गोद से झांकतीं, तो कभी दरवाजे की ओर देखती रहीं, मानो अब भी पिता के लौट आने की आस हो।

    अंतिम संस्कार में जब पिता ने अपने बेटे को मिट्टी दी तो मानों उन्होंने अपने कई सपने कब्र में दफन कर दिये। फरहान का जाना सिर्फ एक परिवार नहीं, पूरे गांव के दिलों पर गहरा जख्म छोड़ गया।

    शोक व्यक्त करने वालों का लगा तांता

    बार एसोसिएशन रुदौली के अध्यक्ष चौधरी अजीमुद्दीन की अध्यक्षता में बार परिसर में फरहान के निधन पर मौन रख कर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। सांसद अवधेश प्रसाद, सपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद अली, सैय्यद रिजवान रसूल, पूर्व विधायक अब्बास अली जैदी, पूर्व मंत्री आनंदसेन यादव, समाजसेवी विनोद सिंह, भाजपा नेता व पूर्व ब्लाक प्रमुख सर्वजीत सिंह, सपा के जिला महासचिव बख्तियार खां और नगर पालिका परिषद रुदौली के चेयरमैन जब्बार अली शोक व्यक्त किया।

    इसके अलावा, कांग्रेस के पीसीसी सदस्य मुनीर अहमद खां, इस्तिफा खां, मवई ब्लाक प्रमुख व भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजीव तिवारी, पूर्व ब्लाक प्रमुख निशात अली खां, कदीर खां, सपा जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव, रघुनंदन चौरसिया, चौधरी शहरयार, अलाउद्दीन खां, जहीर खां सहित बड़ी संख्या में राजनीतिक, समाजसेवी एवं मीडिया से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया है। स्थानीय लोगों व पत्रकार संगठनों ने जिला प्रशासन से मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है।